झांसी । यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में शुक्रवार रात भीषण आग लगने से 10 नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, यह घटना शुक्रवार रात करीब 10 बजे हुई जब ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग के कारण आग लगी, और इसके बाद विस्फोट होने से आग पूरे वार्ड में फैल गई। इस हादसे ने अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्थाओं की खामी को उजागर किया।
घटना के समय एनआईसीयू वार्ड में सेफ्टी अलार्म नहीं बजा, जिससे अस्पताल प्रशासन और सुरक्षा कर्मियों को समय पर हादसे की जानकारी नहीं मिल सकी। इसके साथ ही, नवजात बच्चों के माता-पिता को भी स्थिति का अंदाजा नहीं हुआ, जिससे वे बच्चों को अस्पताल परिसर से सुरक्षित बाहर नहीं ले जा सके। जब आग और धुएं का सामना करते हुए अस्पताल में मौजूद गर्भवती महिलाओं के परिजनों ने बच्चों को गोद में लेकर भागने की कोशिश की, तब अफरा-तफरी मच गई और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई।
मरने वाले बच्चों के परिजनों को मिलेगा 5-5 लाख का मुआवजा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की। इसके साथ ही, गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता तत्काल प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई इस दुर्घटना पर जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना की रिपोर्ट देने का निर्देश भी दिया है।
जांच के आदेश
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच में जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। साथ ही, इलाजरत बच्चों को उच्च गुणवत्ता की मेडिकल सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था की जा रही है।
यह घटना अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्थाओं की अहमियत को एक बार फिर से उजागर करती है, और इस हादसे के बाद अस्पताल प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े हो गए हैं।
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