लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस (UPSIFS), लखनऊ 75वें संविधान दिवस के अवसर पर 26 और 27 नवम्बर को दो दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन करेगा। इस आयोजन में देश-विदेश के प्रख्यात विषय विशेषज्ञ प्रतिभाग करेंगे।
उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस के संस्थापक निदेशक डॉ. जीके गोस्वामी ने प्रेस से बात करते हुए बताया कि यह कांफ्रेंस फॉरेंसिक साइंस से संबंधित विशेषज्ञों के बीच महत्वपूर्ण विचार-विमर्श का मंच बनेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया जाएगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 800 सीटर भव्य आडिटोरियम का उद्घाटन करेंगे और यूपीएसआईएफएस, लखनऊ की नई वेबसाइट की लांचिंग भी करेंगे।
डॉ. गोस्वामी ने यह जानकारी दी कि संस्थान 50 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और इसकी नींव गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में रखी गई थी। इस संस्थान ने वर्ष 2023-24 में अपने पहले शैक्षणिक सत्र को पूर्ण किया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शैक्षणिक सत्र 2023-24 में उत्तीर्ण छात्रों को प्रमाण पत्र भी प्रदान करेंगे।
संस्थान वर्तमान में पाँच प्रमुख पाठ्यक्रमों की पेशकश कर रहा है:
- एमएससी (फॉरेंसिक साइंस- 2 वर्षीय)
- एलएलएम
- बीटेक-एमटेक, कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग (5 वर्षीय)
- बीएससी एलएलबी (5 वर्षीय)
- बीएससी-एमसी फॉरेंसिक साइंस (5 वर्षीय)
कार्यक्रम में देश-विदेश से फॉरेंसिक साइंस के विशेषज्ञ भाग लेंगे, जिनमें प्रमुख नाम हैं:
- रवि शर्मा (नई दिल्ली),
- प्रो. जीएस बाजपेयी (कुलपति, एनएलयू नई दिल्ली),
- प्रो. अमरपाल (कुलपति),
- प्रो. जेपी पाण्डेय (कुलपति),
- अमित शर्मा (एडीजी, डीआरडीओ),
- बृजेश सिंह (एडीजी, महाराष्ट्र),
- अरूण मोहन शेरी (आईआईआईटी, लखनऊ),
- प्रो. मुकुल शरद (आईआईआईटी इलाहाबाद),
- मिलिन्द राज, डॉ. मधुसूदन रेड्डी (सीडीएफडी, हैदराबाद) आदि।
समारोह के समापन सत्र में न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान (इलाहाबाद हाईकोर्ट, लखनऊ बेंच), न्यायमूर्ति राजीव सिंह, आरके विश्वकर्मा (पूर्व पुलिस महानिदेशक, मुख्य सूचना आयुक्त), और असीम अरूण (उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री) भी उपस्थित होंगे।कार्यक्रम में लखनऊ के विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं से छात्र-छात्राएं भी भाग लेंगे।