गोरखपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी के साथ शनिवार सुबह 10 बजे गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वह मुख्यमंत्री के खाद कारखाना परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे जहां उन्होंने सीएम योगी के साथ यूपी सैनिक स्कूल का लोकार्पण और उद्घाटन किया।
माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी के साथ जनपद गोरखपुर स्थित उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल के लोकार्पण कार्यक्रम में…@VPIndia https://t.co/pJ7agIO8V8
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 7, 2024
यह पूर्वाचल का पहला सैनिक स्कूल है। मिली जानकारी के आनुसार कार्यक्रम खत्म होने के बाद उपराष्ट्रपति 12: 30 बजे गोरखनाथ मंदिर में दर्शन भी करेंगे । यहां लंच के बाद 1:50 बजे प्रयागराज के लिए रवाना होंगे। गोरखपुर का सैनिक स्कूल खाद कारखाना परिसर में आवंटित 49 एकड़ भूमि पर बना है। 176 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बना यह स्कूल का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2021 को किया था।
सैन्य सेवाओं में जाने के लिए पूर्वी यूपी की मेधा को मिला प्लेटफार्म
गोरखपुर का सैनिक स्कूल सीएम योगी के दिल के बहुत करीब है। इसके शिलान्यास के बाद भी वह कई बार इसके निर्माण कार्यों का भौतिक निरीक्षण करने आते रहे हैं। उन्होंने सैनिक स्कूल का उपहार देकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के मेधावियों को सैन्य सेवाओं में जाने के लिए एक सशक्त प्लेटफार्म उपलब्ध कराया है। पूर्वी उत्तर के इस सैनिक स्कूल से सैन्य सेवाओं में अवसर के लिए क्षेत्रीय संतुलन को भी बढ़ावा मिलेगा।
Hon’ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar inaugurated Sainik School Gorakhpur in Uttar Pradesh today. #SainikSchool @myogiadityanath pic.twitter.com/pLfdks9hWk
— Vice-President of India (@VPIndia) September 7, 2024
सैनिक स्कूल का पूरा पैटर्न सैन्योन्मुखी शिक्षा पर आधारित
सैनिक स्कूल का उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास कर उन्हें भारतीय सशस्त्र सेनाओं के अधिकारी वर्ग में चयन के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के लिए तैयार करना होता है। सामान्य विद्यालयों से अलग संकल्पना वाले इस स्कूल में प्रवेश हेतु चयन प्रक्रिया में बच्चों की बौद्धिक क्षमता के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और चिकित्सकीय क्षमता का भी विशिष्ट रूप से आकलन किया जाता है। इसका पूरा पैटर्न सैन्योन्मुखी शिक्षा पर आधारित है। सैनिक स्कूल की समय सारिणी सेना में होने वाले प्रशिक्षण के अनुरूप होती है।
यूपी सैनिक स्कूल सोसाइटी के तहत स्थापित प्रदेश का दूसरा स्कूल
गोरखपुर का सैनिक स्कूल यूपी सैनिक स्कूल सोसाइटी के अंतर्गत स्थापित होने वाला दूसरा विद्यालय है। यहां 20 क्लासरूम, 4 लैब्स, छात्रावास, डायनिंग हाल, मल्टीपर्पज हाल, कांफ्रेंस हाल, 1014 सीटेड ऑडिटोरियम, योग सेंटर, इंडोर शूटिंग रेंज, इंडोर स्विमिंग पूल और सीएसडी कैंटीन की सुविधा है। इस सैनिक स्कूल में कुल प्रवेशित विद्यार्थियों को चार सदनों (हॉस्टल) में रखा गया है। इन सदनों का नामकरण शहीद भगत सिंह, शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, शहीद बंधु सिंह और रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर किया गया है। विद्यार्थियों के लिए भोजन की व्यवस्था अन्नपूर्णा भवन में की गई है। परिसर में क्रीड़ा गतिविधियों के लिए बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन कोर्ट बनाए गए हैं।
किसी भी क्षेत्र के लिए सैनिक स्कूल बड़ी उपलब्धि
अस्सी और नब्बे के दशक में गोरखपुर की पहचान अपराध की नर्सरी के रूप में रही है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों से बदनाम पहचान बदल गई है। अब गोरखपुर की पहचान विकास के मॉडल रूप में होती है। इस मॉडल में सैनिक स्कूल भी एक नगीने के रूप में है। वास्तव में किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि होती है।
भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए देश सर्वोपरि : CM YOGI
मुख्यमंत्री का मानना है कि सैनिक स्कूल राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा। इसके जरिये छात्र फौज में अफसर बनेंगे। देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे। सैनिक स्कूल की सौगात सिर्फ युवा छात्रों के लिए ही नहीं, गोरखपुर की अपनी निजी पहचान और शान के लिहाज से भी बेहद खास है। सीएम योगी की मंशा है कि सैनिक स्कूल गोरखपुर किशोरों और युवाओं में राष्ट्रप्रेम, समर्पण, नेतृत्व कौशल जगाने का उत्कृष्ट मंच बने। बच्चों का शारीरिक, मानसिक और चारित्रिक विकास करते हुए समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तम्भ के रूप में दिखे।