Tuesday, September 2, 2025
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    मोदी की गारंटी” पर भारी साबित हो रहा है राजस्थान सरकार का बजट – गहलोत

    जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान की भाजपा सरकार का बजट आज पुन: “मोदी की गारंटी” पर भारी साबित हुआ है। बजट में की गई घोषणाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राजस्थान में विधानसभा चुनाव के द्वारा की गई घोषणाओं को झूठा साबित कर रही हैं।

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    राजस्थान विधानसभा में आज पेश बजट 2025-26 पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा 18 नवंबर 2023 को राजस्थान में वादा किया था कि जैसे ही यहां भाजपा सरकार बनेगी, राजस्थान के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि में 12 हजार रुपये मिलने शुरू हो जाएंगे परन्तु राजस्थान की भाजपा सरकार दूसरे बजट में भी केवल 9,000 रुपये ही किसान सम्मान निधि कर सकी है।

    वहीं 19 नवंबर 2023 को चूरू में प्रधानमंत्री ने वादा किया कि राजस्थान में भाजपा सरकार बनने पर पेट्रोल, डीजल के दाम पड़ोसी राज्य हरियाणा के समान हो जाएंगे परन्तु सत्ता में आते ही ये गारंटी भी भाजपा सरकार ने भुला दी है और हरियाणा में राजस्थान से 10 रुपये सस्ता पेट्रोल मिल रहा है।

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    उन्होंने कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में बाजरे की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद एवं गेहूं की 2700 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद की गारंटी दी गई पर इस बजट में बाजरे की खरीद का कोई जिक्र नहीं हुआ तथा गेहूं पर केवल 150 रु बोनस की घोषणा की गई जो 2014 से पहले केन्द्र और राज्य सरकार पहले ही दे रहे थे।

    हमारी सरकार ने राजस्थान मिनिमम गारंटी एक्ट में सामाजिक सुरक्षा पेंशन में हर वर्ष 15 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रावधान किया था। इसी कारण पिछले बजट में सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1000 से बढ़कर 1150 रुपये हुई थी। कानून के अनुसार इस वर्ष भी 15 प्रतिशत बढ़ोत्तरी होकर कम से कम 1322 रुपये होनी चाहिए थी परन्तु इसे केवल 1250 रुपये किया गया है। यह जरूरतमंद लोगों के हितों से खिलवाड़ एवं कानून का उल्लंघन है।

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    पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बजट में राज्य सरकार ने एक साल में 1 लाख सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। अब राज्य सरकार खुद ही मान रही है कि 59,000 नौकरियां ही दे पाई है जिनमें भी अधिकांश हमारे कार्यकाल में शुरू हुई भर्तियां थीं। अब सवा लाख नौकरियों की घोषणा अगले साल में की गई है जबकि सरकार द्वारा ही अगले साल में 81,000 नियुक्तियों का कैलेंडर जारी किया जा चुका है। यह केवल आंकड़ों में युवाओं को उलझाने का प्रयास है।

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    उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले बाड़मेर रिफाइनरी में उत्पादन अप्रेल 2025 तक शुरू होने की बात कही थी जिसे आज बजट में अगस्त 2025 कर दिया है। रिफाइनरी के साथ पेट्रोजोन को लेकर कोई घोषणा बजट में नहीं की गई है। यह दिखाता है कि सरकार रिफाइनरी को लेकर गंभीर नहीं है।

    वही ईआरसीपी के स्थान पर मॉडिफाइड पीकेसी-ईआरसीपी योजना लाते समय भाजपा सरकार और तत्कालीन केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री ने तर्क दिया था कि ये नई योजना इसलिए लाई गई है जिससे केन्द्र 90 प्रतिशत फंडिंग करे और राजस्थान को केवल 5 प्रतिशत राशि देनी पड़े, बाकी 5 प्रतिशत मध्य प्रदेश दे। यह नई योजना करीब 45,000 करोड़ की योजना है। राजस्थान पहले ही 13,500 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रावधान कर चुका है।

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    आज पुन: सरकार ने 9500 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की है। क्या केन्द्र सरकार ने इस नई योजना के लिए बजट देने से इंकार कर दिया है क्योंकि केन्द्र के बजट में भी इस योजना का कोई जिक्र नहीं था। राज्य सरकार को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने आराेप लगाया कि गिग वर्कर्स को लेकर आज फिर से राज्य सरकार ने कागजी घोषणा की है क्योंकि पिछले बजट में 250 करोड़ के फंड की घोषणा की जो केवल कागजों नक सीमित रही। अब इसे बढ़ाकर 350 करोड़ कर दिया गया है। सरकार को इस पर गंभीरता दिखानी चाहिए।

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    इस बजट में एसपएससी एवं एसटी कोष की राशि को 1750 करोड़ रुपये करने की घोषणा की है परन्तु बजट 2024-25 में घोषित 1500 करोड़ रुपये की राशि का एक पैसा पिछले एक साल में जारी तक नहीं किया गया है। यह दलितों एवं आदिवासियों के प्रति भाजपा सरकार की भावना को स्पष्ट करता है।

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