- चुनाव अधिकारी की निष्क्रियता पर उठे सवाल, कार्यकारिणी की सदस्य संख्या में ‘अवैध’ बढ़ोतरी, बैलेट पेपर से चुनाव की मांग पर चुप्पी
लखनऊ। क्रिकेट एसोसिएशन लखनऊ (सीएएल) के आगामी चुनाव को लेकर क्लबों में भारी असंतोष और आक्रोश देखने को मिल रहा है। चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठते जा रहे हैं और चुनाव अधिकारी की निष्क्रियता ने पूरे चुनाव को विवादों में घेर लिया है।
सोमवार को गोमती नगर स्थित एक रेस्टोरेंट में लखनऊ के विभिन्न क्रिकेट क्लबों की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में क्लब प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में यह आरोप लगाया गया कि सीएएल की कार्यकारिणी में अवैध रूप से 11 सदस्यों की वृद्धि की गई है, जो न केवल असंवैधानिक है, बल्कि चुनाव को भी पक्षपातपूर्ण बना सकती है।
क्लबों के प्रतिनिधियों का कहना है कि चुनाव अधिकारी से इस विषय में स्पष्ट जानकारी मांगी गई, लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। एलसीए अकादमी के सचिव अर्शी रजा ने बताया कि चुनाव अधिकारी ने कहा, “मुझे जो सूची मिली है, मैंने वही चस्पा कर दी है। इसका मुझसे कोई मतलब नहीं है।”
अर्शी रजा ने आगे बताया कि हमने चुनाव अधिकारी से यह स्पष्ट करने की मांग की कि आखिर किस अधिकार से कार्यकारिणी में सदस्यों की संख्या को एकाएक बढ़ाया गया। साथ ही यह भी कहा गया कि सचिव से इसकी जानकारी लेकर क्लबों को अवगत कराया जाए, लेकिन चुनाव अधिकारी इस पर भी चुप्पी साधे रहे।
बैठक में लखनऊ क्रिकेट डेवलपमेंट काउंसिल (एलसीडीसी) के सचिव मधुकर मोहन ने कहा कि क्लबों द्वारा लगभग 50 से अधिक बार व्यक्तिगत रूप से और ईमेल के माध्यम से चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग की गई थी। इस पर भी चुनाव अधिकारी का जवाब निराशाजनक रहा। उन्होंने कहा, इस पर निर्णय लेना मेरे हाथ में नहीं है। मुझसे जो भी कहा जाएगा, मैं वही करूंगा।