मऊ। आज़ादी की 79वीं वर्षगांठ पर नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मऊ के सरकारी कार्यक्रम में ध्वजारोहण करने के बाद एक दूरदर्शी, प्रेरणादायी और जोशीले संबोधन के माध्यम से न केवल पूर्व का इतिहास लिखने वालों को नमन किया, बल्कि भविष्य की दिशा भी स्पष्ट की। उनका वक्तव्य सिर्फ एक औपचारिक भाषण नहीं था, बल्कि एक गूंजता हुआ संदेश था। युवाओं के लिए, नेताओं के लिए और पूरे पूर्वांचल के लिए।
कार्यक्रम की शुरुआत में श्री शर्मा ने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार जनों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि आज़ादी किसी एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि यह उन हजारों-लाखों सेनानियों और वीरों की त्याग-तपस्या का परिणाम है जिन्होंने हंसते-हंसते बलिदान दिया। यह सम्मान आज़ादी के उन नायकों का कर्ज़ उतारने की छोटी सी कोशिश है। अपने उद्बोधन में उन्होंने आज़ादी में बाद के अमर शहीदों को भी नमन करते हुए कहा कि जो माताएं अपने लालों को देश के लिए खो चुकीं, उनके आंसुओं में भी यह तिरंगा चमकता है। ऐसे वीरों की यादों को सहेजना हमारा कर्तव्य है।
श्री शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मऊ और समूचे पूर्वांचल का विकास केवल वादों से नहीं, योजनाओं और कर्म की प्रतिबद्धता से होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद से मा। योगी जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार किस तरह गाँव और शहर की बुनियादी सुविधाओं, बिजली, सड़क, स्वच्छता और रोजगार को लेकर ठोस कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जी सच्चे अर्थ में गांधी जी सहित स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि मऊ को आधुनिक जिला बनाने के लिए बिजली और नगर विकास विभाग के माध्यम से पिछले तीन वर्षों में काफ़ी काम हुआ है। अन्य विभागों से भी बहुत काम कराये गए हैं। आगे भी कुछ नई परियोजनाएं जल्द ही धरातल पर उतरेंगी। जैसे मऊ-बलिया रोड का चौड़ीकरण और उसपर पाँच रेलवे ओवरब्रिज। नवयुवकों को नसीहत कार्य करो, केवल बातें नहीं; समय का मूल्य समझो।
अपने भाषण में उन्होंने युवाओं को बड़े सपने देखने की और उन्हें साकार करने की सीख दी। उनका संदेश साफ था । सिर्फ़ बातों और नारे लगाने से नहीं, परिश्रम से परिवर्तन आता है। उन्होंने युवाओं के लिए सरकार द्वारा विशेष रूप से चलाई गई युवा उद्यमी योजना और उनके ख़ुद के प्रयास से बन रहे औद्योगिक संकुल की बात विस्तार से समझाते हुए कहा कि अपना भविष्य संवारना अब आपके हाथ में है।
शर्मा ने बिना किसी का नाम लिए पूर्वांचल के ऐसे नेताओं पर व्यंग्य कसा जो खुद को राजनीति में 40 साल का अनुभवी बताते हैं, लेकिन विकास के नाम पर शून्य साबित हुए हैं। उन्होंने कहा,कुछ लोग 40 साल से राजनीति कर रहे हैं, और कई बार सरकार भी चलाई हैं लेकिन उनके क्षेत्र की जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रही है।
नौजवानों के हाथ में हुनर और अवसर देने के बजाय इनलोगों ने उनके मासूम हाथों में बंदूक और कट्टे पकड़ाये। जो मऊ कभी व्यापारिक और आद्योगिक नगर था उसे अपराध के गर्त में धकेल दिया। यही हाल गाजीपुर सहित पूरे पूर्वांचल का किया इन लोगों ने। सफल राजनीति सिर्फ़ लंबे कार्यकाल से नहीं, परिणाम की कसौटी पर परखी जाती है। उन्होंने यह भी बताया की कैसे उनके कार्यों के द्वारा सिर्फ़ चार वर्ष में मऊ में परिवर्तन दिखने लगा है।