जयपुर। राजधानी के एसएमएस थाना क्षेत्र में हुई बहुचर्चित 75 लाख रुपये के आभूषणों की लूट की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। जयपुर पुलिस ने मुंबई और भरतपुर के अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए वारदात में प्रयुक्त हथियार, दो बाइक, एक कार और कीमती रत्नों से जड़ी माला सहित बड़ी मात्रा में लूटा गया माल बरामद किया है।
डीसीपी ईस्ट तेजस्विनी गौतम ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में भरतपुर निवासी अरविंद उर्फ नेता (27), राहुल चौधरी (22), धर्मवीर सिंह उर्फ राहुल उर्फ भूरा (24) और धौलपुर निवासी अनिकेत उर्फ लाला (वर्तमान में मुंबई में रह रहा था) शामिल हैं। गैंग के अन्य दो सदस्य संतोष चौहान और विशाल उर्फ बिस्सु अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
चार दिन की रेकी, फिर फिल्मी स्टाइल में लूट
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों को जौहरी बाजार की रत्नासागर बिल्डिंग में हवाला और लॉकर से जुड़ी बड़ी रकम के लेनदेन की जानकारी मिली थी। उन्होंने चार दिन तक बिल्डिंग की रेकी की और व्यापारी के बैग के साथ बाहर निकलते ही हमला कर लूटने की योजना बनाई। इसके लिए फ्लिपकार्ट से ग्लास हैमर और मिर्ची स्प्रे मंगवाए गए थे।
कार का शीशा तोड़कर उड़ाया बैग
यह वारदात 3 जून की शाम को हुई, जब जवाहरात कारोबारी बृजमोहन गांधी रत्नासागर बिल्डिंग से अपनी कार में निकले थे। रामसिंह रोड पर सिग्नल के दौरान बाइक सवार दो बदमाशों ने उनकी कार का शीशा तोड़कर बैग लूट लिया, जिसमें बेशकीमती जेम्स स्टोन, डायमंड रिंग्स, कैश और चाबियों के गुच्छे थे।
सीसीटीवी से खुली राह, एक-एक कर चढ़े हत्थे
घटना के बाद पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और सुरागों के आधार पर बस्सी स्थित एक ठिकाने से धर्मवीर को दबोचा। उसकी निशानदेही पर अनिकेत को मुंबई से जबकि बाकी दो आरोपियों को जयपुर-आगरा रोड से पकड़ा गया।
लूट के बाद छोड़ देते थे वाहन
पूछताछ में पता चला कि गिरोह वारदात के बाद इस्तेमाल की गई बाइक को किसी तीसरे व्यक्ति को सौंप देते थे और खुद बस, ट्रेन या कैब से अलग-अलग दिशाओं में निकल जाते थे। बदले में बाइक उपलब्ध कराने वाले को लूट का हिस्सा मिलता था।
पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है और यह संभावना जताई जा रही है कि पूछताछ में कई और संगठित लूट की वारदातों का खुलासा हो सकता है।