लैंड पोर्ट रूपईडीहा परिसर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगाभ्यास करते अधिकारी और कर्मचारी। कार्यक्रम के संयोजक एवं एलपीएआई रूपईडीहा के मैनेजर श्री सुधीर शर्मा (बीच में) योगाचार्य नितेश कुमार एवं अन्य प्रतिभागियों के साथ।
Post Views:106
संयोजक व लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया,रुपईडीहा के मैनेजर सुधीर शर्मा ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और प्रतिभागियों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी।
रुपईडीहा, बहराइच । 11 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अंतर्गत भारत-नेपाल सीमा पर स्थित एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) रुपईडीहा में एक भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न केंद्रीय विभागों और सुरक्षाबलों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस अवसर पर कस्टम, इमीग्रेशन, प्लांट क्वॉरेंटाइन, एटीएस, सिविल पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महिला और पुरुष अधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य योग के माध्यम से न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना था, बल्कि कार्यस्थल पर आपसी सहयोग, तनावमुक्त वातावरण और सामूहिक ऊर्जा को प्रोत्साहित करना भी था।
लैंड पोर्ट रूपईडीहा परिसर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक एवं एलपीएआई रूपईडीहा के मैनेजर सुधीर शर्मा (बीच में) एवं अन्य प्रतिभागियों के साथ।
कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित भारतीय योग संस्था दिल्ली से आए मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के प्रशिक्षित योगाचार्य नितेश कुमार ने उपस्थित सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ध्यान, प्राणायाम और योगासन का सजीव अभ्यास कराया। उन्होंने बताया कि नियमित योगाभ्यास से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, मन एकाग्र होता है और कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
कार्यक्रम के संयोजक व लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, रुपईडीहा के मैनेजर सुधीर शर्मा ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और प्रतिभागियों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि
“योग केवल एक व्यायाम नहीं है, यह एक जीवनशैली है । एक साधना है जो तन, मन और आत्मा को संतुलित करती है। आज जब दुनिया स्वास्थ्य और मानसिक शांति की तलाश में है, तो भारत की प्राचीन योगविद्या वैश्विक समाधान बनकर उभर रही है। हमारा यह विश्वास है कि आने वाले वर्षों में पूरा विश्व भारत को योगगुरु के रूप में देखेगा। सरकार का ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ का विज़न इसी दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे हर घर और हर व्यक्ति निरोग और आनंदमय जीवन की ओर अग्रसर हो सकेगा।”
लैंड पोर्ट रूपईडीहा परिसर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगाभ्यास करते अधिकारी और कर्मचारी। कार्यक्रम के संयोजक एवं एलपीएआई रूपईडीहा के मैनेजर श्री सुधीर शर्मा (बीच में) योगाचार्य नितेश कुमार एवं अन्य प्रतिभागियों के साथ।
उन्होंने यह भी कहा कि लैंड पोर्ट जैसी सीमाई क्षेत्रों पर कार्यरत बलों और कर्मचारियों के लिए योग न केवल शारीरिक स्फूर्ति का साधन है, बल्कि यह मानसिक संतुलन बनाए रखने में भी बेहद उपयोगी है। योग के माध्यम से कार्यदबाव को कम किया जा सकता है और सेवा में नई ऊर्जा का संचार होता है।
लैंड पोर्ट रूपईडीहा परिसर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगाभ्यास करते अधिकारी और कर्मचारी। कार्यक्रम के संयोजक एवं एलपीएआई रूपईडीहा के मैनेजर सुधीर शर्मा (बीच में) योगाचार्य नितेश कुमार एवं अन्य प्रतिभागियों के साथ।
कार्यक्रम का समापन सामूहिक ध्यान और ‘शांतिपाठ’ के साथ हुआ। सभी प्रतिभागियों ने यह संकल्प लिया कि वे नियमित रूप से योग का अभ्यास करेंगे और अपने सहकर्मियों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि योग केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह सतत अभ्यास और स्वस्थ जीवन की ओर एक प्रतिबद्धता है। रुपईडीहा आईसीपी का यह आयोजन सीमाई क्षेत्रों में शांति, स्वास्थ्य और योग के संदेश को फैलाने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल बन गया है।