Friday, July 18, 2025
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    मुख्यमंत्री के प्रोटोकाल अधिकारी बनकर गुरूजी साथी संग कर रहे थे ठगी

    लखनऊ। मुख्यमंत्री का प्रोटोकाल अधिकारी एवं सचिव निवेश बनकर विभिन्न विभागों में ट्रान्सफर पोस्टिंग एवं महत्वपूर्ण राजनैतिक पद व टेण्डर आदि दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले जालसाजों को एसटीएफ ने थाना विभूतिखण्ड से गिरफ्तार कर लिया।
    अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया की मुख्यमंत्री का सुरक्षा अधिकारी एवं विषेष सचिव बताकर विभिन्न विभाग में फर्जी टेण्डर एवं ट्रासंफर,पोस्टिंग कराने के नाम पर ठगी करने वालों की जानकारी मिलने पर टीमों को तैयार किया गया था।
    जिसमे निरीक्षक शिवनेत्र सिंह के नेतृत्व मे उ0नि0 विनय कुमार सिंह,मनोज सिंह, मुख्य आरक्षी सुधीर कुमार सिंह,रमेश चन्द्र उपाध्याय,राम नरेश दास,सत्यप्रकाश वर्मा समेत आरक्षी अमित कुमार की टीम को जानकारी मिली की मुख्यमंत्री का सुऱक्षा अधिकारी बताकर विभिन्न विभागों एवं राजनीतिक महत्वपूर्ण पदों के नाम पर ठगी करने वाला व्यक्ति समाज कल्याण कार्यालय के पास अपने साथी के साथ आने वाला है।
    इस सूचना पर टीम ने घेराबंदी कर रामशंकर गुप्ता उर्फ आशीष कुमार गुप्ता निवासी थाना कोतवाली बीसलपुर,पीलीभीत समेत अरविन्द त्रिपाठी उर्फ गणेष त्रिपाठी उर्फ गुरूजी निवासी त्रिनगर, केषवपुरम,अषोक विहार नई दिल्ली को गिरफ्तार कर लिया गया।

    कभी आईएएस, तो कभी वाइस चांसलर बताता था

    अभियुक्त रामशंकर गुप्ता उर्फ आषीष गुप्ता ने पूछताछ में बताया कि वह किसी भी सरकारी विभाग मे कार्यरत नहीं है।  उसने अपने नाम के 02 अलग-अलग आधार कार्ड बनवा रखा है। उसका वास्तविक नाम रामशंकर गुप्ता है, फर्जीवाडा करने के लिये उसने अपना नाम आशीष गुप्ता रख लिया है। आम जनता से अपना नाम डा0 आशीष गुप्ता एवं अपना परिचय बतौर आईएएस/पीसीएस अधिकारी/विषेष सचिव, निवेष, उ0प्र0 शासन/मुख्यमंत्री का सुऱक्षा अधिकारी एवं सुकरात विश्वविद्यालय दिल्ली का वाइस चांसलर बताता था। इस नाम से आम जनता को अपनी तरफ आकर्षित करता था।यह भी पड़े- बुजुर्ग दम्पति के हॉथ पैर काट कर लूट करने वाला इनामी लुटेरा गिरफ्तार

    कार में लगा था उ0प्र0 सरकार का लोगो

    नौकरी दिलाने के जाल में फसाये हुए नवयुवको में से किसी युवक को पीआरडी की वर्दी पहनाकर अपनी गाड़ी में आगे बैठाकर चलता था तथा अपनी कार पर उ0प्र0 सरकार का लोगो लगा रखा था। ताकि लोगों को यह विष्वास हो जाय की वह वास्तविक अधिकारी है। बड़ी-बड़ी कम्पनियों के मालिको एवं ठेकेदारों को विभिन्न विभागो मे टेण्डर (ठेका) दिलाने तथा प्रशासनिक/पुलिस अधिकारियो के ट्रांसफर/पोस्टिंग कराने के नाम पर उनसे अवैध धन अर्जित करता था। यह ज्यादातर पैसा नगद के रुप मे एवं अपने कूटरचित आशीष गुप्ता के नाम से खोले गये बैंक खाते में मंगाता था। इस काम में इसके साथ दिल्ली निवासी अरविन्द त्रिपाठी उर्फ योग गुरुजी एवं इनके अन्य साथी भी सम्मिलित रहते था।

    आध्यात्म शिविर में आते थे बड़े अधिकारी

    अरविन्द त्रिपाठी योग गुरु है जो बडे़-बडे़ राजनेताओ एवं अधिकारियो से सम्पर्क रखता है तथा आध्यात्म से सम्बन्धित योग शिविर कराता था। जिसमे भारी संख्या मे बडे-बडे ठेकेदार तथा प्रशासनिक अधिकारी एवं प्रतिष्ठित लोग/राजनेता सम्मलित होते है। अरविन्द त्रिपाठी (गुरुजी) द्वारा उनको अपने योग विद्या से अपने प्रभाव मे लेकर उ0प्र0 मे शासन के बडे-बडे टैण्डर दिलाने की बात की जाती थी, जिस कारण उन ठेकेदारो द्वारा उसके प्रभाव मे आकर टैण्डर प्राप्त करने हेतु उनसे आग्रह करते है, तब अरविन्द त्रिपाठी उर्फ गुरुजी उनके सामने ही मेरा परिचय वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकरी के रुप मे बताकर ठेका दिलाने की बात कर उनसे अवैध धन अर्जित करता था।

    दिलाता था अवैध डिग्री 

    सुकरात सोशल रिसर्च विश्वविद्यालय,दिलशाद गार्डन नई दिल्ली के चेयरमैन से मिलकर काफी लोगो को पीएचडी (आनरेरी डाक्ट्रेट) की डिग्री अवैध रुप से पैसा लेकर दिलाता है। हिन्दुस्तान स्काउट एण्ड गाइड एसोसिएशन की ट्रेनिंग कराने व नौकरी दिलाने के नाम पर लगभग 100 बच्चो से साढे सात हजार रूपये प्रति बच्चे के हिसाब से पैसा लिया है एवं विभिन्न विभागों में निर्माण कार्य कराने व ठेका दिलाने के नाम पर अब तक करोड़ों रूपये की ठगी कर चुका है।
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