Sunday, June 1, 2025
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    राजनीतिक दलों से मांगे अपनी हिस्सेदारी तभी होगा भला : न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना

    संघर्ष न करने की आदत ने कायस्थ समाज को किया पीछे : हरिशचंद्र श्रीवास्तव
    हमें आरक्षण नहीं सम्मान चाहिए, कायस्थ समाज 3 दिसंबर को करेगी महारैली : दिनेश खरे

    लखनऊ। कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय का स्थापना दिवस का आयोजन प्रेस क्लब में आयोजित किया गया। इस मौके पर दीप प्रज्जवलन समारोह के मुख्य अतिथि लोक सेवा अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना ने किया। जबकि विशिष्ट अतिथि भाजपा प्रवक्ता हरीशचंद्र श्रीवास्तव रहे।
    इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा प्रवक्ता हरिशचंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि कायस्थ समाज की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी संघर्ष न करने की आदत है। हम नौकरी करके संतुष्ट हो जाना चाहते हैं। हमेें अपने अंदर सिर्फ अपने को देखने की आदत छोड़नी होगी। इसी आदत के चलते हमने अपने गौरवशाली अतीत को भुला दिया जिसका परिणाम है कि आज आईएएस, आईपीएस या न्यायिक  में कायस्थों की संख्या घटती जा रही है। उन्होंने कहा कि हम नौकरी करके विदेश जाकर खुश हो जाते है।

    लेकिन उससे आपके समाज को क्या मिला, यह विचारणीय प्रश्न है। उन्होंने यह भी कहा कि हम संख्या बल में अन्य कई जातियों से अधिक हैं लेकिन कम वालों को प्रतिनिधित्व मिल गया हमें कोई नहीं छूना चाहता क्योंकि हम अपने को संगठित नहीं कर पाये। इसी के चलते हम पीछे होते जा रहे है। श्री हरिश्चंद्ग ने कहा कि पहली विधानसभा में 59 कायस्थ विधायक उत्तर प्रदेश से ही चुनकर आये  आज संख्या नगण्य हो गयी है। कौन जिम्मेदार है, केवल संगठन से नहीं होगा। हमें अपनी ताकत दिखानी होगी।

    उन्होंने कहा कि आज कोई समाज का व्यक्ति जो उच्च पद पर है वह भी अपने की मदद नहीं करता क्योंकि उसे डर लगता है कि उसके पीछे कोई खड़ा नहीं है, यही कमजोरी हमारे समाज को पीछे कर रही है। उन्होंने कहा कि आज हमारे समाज को एकत्र और संगठित होकर अपनी ताकत दिखाकर अपनी हिस्सेदारी जहां भी हैं मांगने की जरूरत है। हम जिस भी सियासी दल से जुड़े हैं वहां अपनी हिस्सेदारी मांगनी होगी, तभी राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिल सकेगा।
    इस अवसर पर कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय के अध्यक्ष दिनेश खरे ने सात प्रस्तावों को पढ़ा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया । प्रस्ताव में कहा गया कि उत्तरप्रदेश के कायस्थों ने कभी पिछड़ा वर्ग में शामिल होने की मांग नहीं की तो फिर क्यों ओबीसी में शामिल करके आरक्षण का लोभ दिया जा रहा है। कायस्थ समाज गौरान्वित है उसे उसका सही सम्मान मिले न कि ओबीसी में शामिल किया जाये।गोरखपुर की भांति प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी से सर्वे करा कर चित्रगुप्त मंदिरों का जीर्णोद्धार व नवीनीकरण कराया जाये।

    कायस्थ समाज की समस्याओं व उनके निराकरण हेतु अन्य जातियों की भांति उनकी भी एकेडमी (कायस्थ एकेडमी) बनायी जाये। कायस्थ समाज को उनके पुराने गौरव को फिर से नया कलेवर देने के लिए कायस्थ समाज से जुड़े सभी संगठनों की एक संयुक्त बैठक शीघ्र आयोजित की जायेगी। प्रत्येक एक हजार कायस्थ घरों पर एक पांच सदस्यीय समिति बनायी जायेगी जिसमें सभी संगठनों के लोग शामिल होंगे। इसकी रिपोर्ट पर कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई करेगी और सभी समस्याओं का निराकरण करेगी।

    कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय ने इस मौके पर विभिन्न वर्गो शख्सियतों को सम्मानित भी किया। अध्यात्म  में बलदाऊ श्रीवास्तव, चिकित्सा में डा. दीपक श्रीवास्तव, पत्रकारिता में राजेश श्रीवास्तव, समाज सेवा में दिलीप यशवर्धन, मनीष हिदवी, न्यायिक में न्यायमूर्ति सुधीर सक्सेना व आकाशवाणी से जुड़ी मीनू खरे को सम्मानित किया गया।

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