लखनऊ। मध्य प्रदेश के कागदीपुरा में बना दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र छोटा महावीर जी अपने चमत्कारों के लिया जाना जाता है। जहां सफेद सांपों का जोड़ा अभिषेक करता है। अभिषेक के दौरान पानी दूध में बदल जाता है और मनोकामना पूर्ण होती है।
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मदिर की देखभाल करने वाले लोग बताते है की भगवान महावीरजी की मूर्ति 24 अक्टूबर 2007 को जमीन के नीचे से प्राप्त हुई थी। इसे एक तीर्थयात्री ने स्वप्न में देखा था। यहाँ कई चमत्कारी घटनाएँ देखी जाती हैं जैसे मूर्ति की उंगली से दूध निकलना, मंदिर में सफेद सांपों के जोड़े द्वारा अभिषेक के दौरान पानी का दूध में बदलना, मनोकामना पूर्ण होना आदि।
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भगवान नेमिनाथजी की 4.5 फीट ऊँची बैठी हुई मुद्रा वाली मूर्ति मंदार के पुरातत्व संग्रहालय में रखी गई है।नालछा के कागदीपुरा मंदिर का इतिहास वर्षाें पुराना है। मंदिर परिसर में वर्षाें पूर्व बच्चों को खेलते समय वहां कुछ हलचल हुई तो उन्होने थोड़ी सी मिट्टी हटाई तो कुछ प्रतिमाजी नजर आई। जैन समाजजन एकत्रित हुए तो प्रतिमा महावीर भगवान की तीन 4.30 फीट पद्मासन प्रतिमा 1000 वर्ष प्राचीन मिली। जो अब पूर्ण तीर्थ छोटा महावीरजी कागदीपुरा बन चुका है।
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यहां मुनि प्रणाम सागरजी महाराज, ज्ञानमती माताजी एवं कई संतों का आगमन हो चुका है। प्रतिदिन दर्शन के लिए पूरे देश से भारी संख्या में दिगंबर जैन समाज के श्रावकों का आना जाना लगा रहता है। प्रतिदिन विधान का आयोजन होता है। तीर्थ पर कम समय में यात्रियों की सुविधाओं की पूरी व्यवस्था कमेटी द्वारा की गई है।