Monday, June 16, 2025
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    केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसा: जयपुर निवासी पायलट राजवीर सिंह सहित 7 लोगों की मौत

    जयपुर। उत्तराखंड के केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गौरी माई खर्क में रविवार सुबह गौरीकुंड के पास एक हेलिकॉप्टर हादसे में पायलट सहित 7 लोगों की मौत हो गई। इस वर्ष यह पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है, जिससे यात्रा मार्ग की हवाई सेवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। इससे पूर्व बीती 17 मई और 7 जून को दो हेलीकॉप्टरों की इमरजेंसी लैंडिंग हो चुकी है।

    गढ़वाल रेंज (उत्तराखंड) आईजी राजीव स्वरूप ने बताया कि शवों की शिनाख्त में कठिनाई आ रही है। डीएनए परीक्षण के बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।

    जयपुर निवासी पायलट राजवीर सिंह चौहान की मौत

    हादसे में पायलट राजवीर सिंह की मृत्यु हो गई। वे भारतीय सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने करीब 14 वर्षों तक सेना में अपनी सेवाएं दी थीं। सेना से रिटायर होने के बाद वे हेलिकॉप्टर सेवा देने वाली निजी कंपनी आर्यन एविएशन के साथ जुड़े हुए थे और केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं को सेवाएं दे रहे थे। राजवीर करीब चार महीने पहले ही जुड़वां बच्चों के पिता बने थे। जयपुर स्थित पायलट के शास्त्री नगर स्थित घर पर हादसे की खबर मिलते ही कोहराम मच गया।

    मुख्यमंत्री ने व्यक्त की संवेदना

    मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया संदेश में लिखा “केदारनाथ में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से राजस्थान के पायलट तथा अन्य श्रद्धालुओं की जनहानि का समाचार अत्यंत दुःखद है। बाबा केदार दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिवार को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”

    वहीं राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व सैन्य अधिकारी कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा “केदारनाथ जा रहे हेलीकॉप्टर क्रैश में पायलट जयपुर के लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) राजवीर सिंह चौहान जी का असमय निधन अत्यंत पीड़ादायक है। दुःख की इस घड़ी में पूरा प्रदेश चौहान परिवार के साथ है।”

    चारधाम की हेली सेवा 16 जून तक बंद, जांच के आदेश

    उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए हेली सेवाओं को 16 जून (सोमवार) तक पूर्णतः बंद करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “किसी भी कीमत पर जनजीवन से समझौता नहीं किया जाएगा।”

    रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चार धाम में लगे सभी हेली ऑपरेटरों और पायलटों के उच्च हिमालय क्षेत्रों में उड़ान अनुभवों की जांच होगी व सभी हेली ऑपरेटरों के साथ बैठक के बाद ही पुनः हेली सेवा को सुचारु किया जाएगा।

    गृह सचिव (उत्तराखंड) की अध्यक्षता समिति गठित

    मुख्यमंत्री ने गृह सचिव (उत्तराखंड) की अध्यक्षता में एक समिति गठित किए जाने के निर्देश दिए, जिसमें डीजीसीए, यूकाडा, नागरिक उड्डयन विभाग भारत सरकार, एटीसी के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में रहेंगे। यह समिति जन सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मानक प्रचालन नियमावली का प्रारूप बनाएगी। समिति अपनी रिपोर्ट सितंबर माह से पूर्व प्रस्तुत करेगी। मुख्यमंत्री ने आगामी समय के लिए प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त एडमिनिस्ट्रेटिव एंड टेक्निकल एसओपी तैयार किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।

    मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग में दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के संबध में उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

    उच्च हिमालय क्षेत्रों में हेली उड़ाने का दीर्घकालीन अनुभव वाले पायलटों को ही मिलेगी अनुमति

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हीं पायलटों को अनुमति दी जाएगी जिनका उच्च हिमालय क्षेत्रों में हेली उड़ाने का दीर्घकालीन अनुभव होगा। उन्होंने कहा कि डीजीसीए की ओर से निर्धारित गाइडलाइन को और सख्त बनाया जाए, जिसका अनुपालन शत प्रतिशत किया जाए। मुख्यमंत्री ने हिमालय क्षेत्रों में अधिक संख्या में मौसम पूर्वानुमान के अत्याधुनिक उपकरण लगाने के भी निर्देश दिए, जिससे मौसम की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके।

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