Monday, June 2, 2025
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    ऑनलाइन ई-सिगरेट की बिक्री रोकने के लिए मशीनरी विकसित हो – राजस्थान उच्च न्यायालय

    जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रदेश में ई-सिगरेट की ऑनलाइन बिक्री रोकने के उपायों पर असंतोष जाहिर कर पुलिस मुख्यालय को दो सप्ताह में शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि ई-सिगरेट की बिक्री से संबंधित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है। मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश प्रियांशा गुप्ता की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

    पुलिस द्वारा पेश किए गए शपथ पत्र में खानापूर्ति

    अदालत ने यह भी कहा कि ई-सिगरेट की ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक्री रोकने के संबंध में जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से पेश किए गए शपथ पत्र में खानापूर्ति की गई है। पुलिस को मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने ऑनलाइन ई-सिगरेट की बिक्री रोकने के लिए मशीनरी विकसित करने को भी कहा है।

     कानून के क्रियान्वयन में फेल

    अदालत ने कहा कि केन्द्र सरकार के जवाब के अनुसार कानून लागू होने के बाद कार्रवाई की जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी। इसे लेकर राज्य सरकार ने समय-समय पर निर्देश जारी किए।

    इसके बावजूद भी मामले में पुलिस ने खानापूर्ति बरती है। जनहित याचिका में कहा गया कि केन्द्र सरकार ने साल 2019 में कानून लाकर ई-सिगरेट के निर्माण, आयात, बेचान और वितरण पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद प्रदेश में ई-सिगरेट आसानी से मिल रही है। कई जगह नाबालिग खुले आम इसका सेवन करते नजर आते हैं। जिससे साबित होता है कि राज्य सरकार कानून के क्रियान्वयन में फेल हो गई है।

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