जयपुर। तीन नए आपराधिक कानूनों के राजस्थान में क्रियान्वयन तथा प्रचार-प्रसार के संबंध में गृह विभाग की उच्चस्तरीय बैठक को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संबोधित किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा की राज्य सरकार प्रदेश में अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण करने तथा जनता को भयमुक्त माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा नए कानूनों को लागू करने में आवश्यक संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश में लागू तीन नवीन कानूनों में सजा की तुलना में न्याय पर अधिक जोर दिया गया है। नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम हमारे संविधान की मूल भावना के अनुसार बनाए गए हैं। ये कानून आमजन को शीघ्र एवं सुलभ न्याय प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
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नए कानूनों का प्रदेश में हो रहा प्रभावी क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानूनों का राज्य में प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है और इनके प्रचार-प्रसार में राजस्थान देश का अग्रणी राज्य है। आमजन को इनकी जानकारी देने के लिए राज्य सरकार कई कदम उठा रही है। राज्य की 11 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं के माध्यम से नए कानूनों की जानकारी दी गई है। साथ ही, प्रदेश में महिला एवं बाल सुरक्षा संबंधी प्रावधानों के बारे में पुस्तकें तैयार करवाकर वितरित की गई है।
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सामान्य ज्ञान परीक्षा का आयोजन
राजस्थान पुलिस की राजकॉप एप्लीकेशन में भी नए कानूनों के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही सोशल मीडिया तथा पंपलेट और पोस्टर के माध्यम से इनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नए कानूनों के बारे में पुलिस के अनुसंधान अधिकारियों को समुचित प्रशिक्षण देने के साथ प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में नए कानूनों के संबंध में सामान्य ज्ञान परीक्षा का आयोजन कराया जाए, जिससे युवाओं में इन कानूनों को लेकर जागरूकता बढ़े।
नवीन कानूनों को लागू करने हेतु मुख्यालय स्तर पर सात समितियों का गठन
नए कानूनों को लागू करने के लिए मुख्यालय स्तर पर सात समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों ने विधिक क्रियान्वयन, प्रक्रिया संशोधन, हितधारकों को प्रशिक्षण, वित्तीय संसाधनों का निर्धारण, फॉरेंसिक दक्षता अभिवृद्धि, डिजिटल अनुसंधान एवं तकनीकी समायोजन जैसे विभिन्न बिंदुओं के आधार पर विस्तृत कार्य योजना बनाई है। पुलिस, कारागार तथा अभियोजन विभाग एवं विधि विज्ञान प्रयोगशाला के 300 दक्ष कार्मिकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिलाकर इनके माध्यम से अब तक 69 हजार से अधिक पुलिस अधिकारियों एवं कार्मिकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
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डीएनए यूनिट का निर्माण
भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत अब तक लगभग 84 हजार 242 एफआईआर दर्ज की गई हैं। राज्य के सभी कारागृहों के कार्मिकों को प्रशिक्षण दिलाकर 95 कारागृहों में वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) के सुदृढ़ीकरण के लिए 4.86 करोड़ रूपये की राशि से साइबर फॉरेंसिक यूनिट तथा लगभग 3.72 करोड़ रूपये की लागत से डीएनए यूनिट का निर्माण कराया जा रहा है। साथ ही, नए पदों पर भर्ती की जा रही है।
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इस बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत, पुलिस महानिदेशक यू.आर.साहू, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आनंद कुमार, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) आलोक गुप्ता सहित पुलिस, अभियोजन, फॉरेंसिक एवं कारागार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।