लखनऊ।काव्यांकुर साहित्यिक मंच के तत्वावधान में विगत दिवस ऑनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन कवि संजय श्रीवास्तव “प्रज्ञा” गंजबासौदा के संयोजन एवं संचालन में किया गया। जिसमें देश के विभिन्न शहरों से आमंत्रित कवि एवं कवयित्रियों ने सस्वर विविध विधाओं में अपनी रचनाओं का पाठ किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कवयित्री नीलम कुलश्रेष्ठ गुना ने की मंच पर मुख्य मार्गदर्शक के रूप में कवि सुरेंद्र शर्मा “सागर” श्योपुर एवं काव्यांकुर साहित्यिक मंच के संस्थापक कवि बसंत श्रीवास्तव शिवपुरी उपस्थित रहे। कवि सम्मेलन का प्रारंभ कवयित्री वंदना श्रीवास्तव “श्रद्धा ” गंजबासौदा द्वारा सुमधुर स्वर में सुंदर भावपूर्ण माँ वागेश्वरी की वंदना के साथ हुआ – ” मन की वीणा में भक्ति की झंकार दे , अपने चरणों की रज से मुझे तार दे।” काव्यपाठ की श्रृंखला में सर्वप्रथम कवि कृष्ण मुरारी शास्त्री सबाई माधोपुर राजस्थान ने अपनी गजल सुनाई – ” बहुत गिरकर भी न रूपया गिर सका न उस हद तलक , जितना रूपये के लिये इंसा दिखा गिरता यहाँ।” कवयित्री मंजू बड़ौला ऋषिकेश उत्तराखण्ड ने ग्रामीण परिवेश की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर आधारित रचना प्रस्तुत की – ” उन कच्चे बने घरों में पक्के रिश्ते पलते थे , रहते थे मिलकर साथ सभी कहलाता था वो परिवार।” कवि उमेश त्रिगुणायत ” अंकल” पीलीभीत बरेली उत्तर प्रदेश ने अपनी हास्य रचनाओं और घनाक्षरी छंदों से मंच को ठहाकों से भर दिया उन्होनें कुछ इस तरह प्रणाम किया -” क्वारे को अकेले और ब्याहे को सपत्नीक सभी बच्चे बूढ़े और जबान को प्रणाम है, जेब में धरे रूमाल घड़ी और मोबाइल को हाथ की तम्बाकू मुंह के पान को प्रणाम है।” कवयित्री पुष्पा मिश्रा ग्वालियर ने सैनिक की पत्नी की वेदना का चित्रण करते हुए बेहद मार्मिक रचना प्रस्तुत की – ” हर आहट पे तड़पी सजन तेरे जाते, बहुत देर कर दी सीमा से आते।
कवि सम्मेलन कवि सुशील कुमार यादव बाबागंज बाराबंकी उत्तरप्रदेश ने श्रृंगारिक कुण्डलिया छंद में अपनी रचना सुनाई -” मधुर बांसुरी प्यार की प्राण लियो है छीन, उसके नयन समुद्र में मैं तो हुआ विलीन। ” कवि सतीश श्रीवास्तव करैरा शिवपुरी ने जीवन की सच्चाई को उद्घाटित करती एवं मुश्किल समय में धैर्य का संदेश देती रचना प्रस्तुत की – ” भोर अभी आने वाली है सुनो तो मेरी बात , करने दो करने वाले तो करते रहते घात।” कवयित्री सरिता कटियार लखनऊ उत्तरप्रदेश ने औरत की व्यथा कथा कहते हुए रचना सुनाई -” जीवन भर अपमान सहती रही है, पैरों की जूती ही सुनती गई है।” कवयित्री सरिता बाजपेयी शाहजहांपुर उत्तरप्रदेश ने अपनी श्रृंगार एवं ओज रचनायें प्रस्तुत की तथा शहीदों के प्रति श्रृद्धांजलि समर्पित करते हुए रचना सुनाई – ” भारत की गोदी में सैनिक पहन तिरंगा सोया है , भाई पिता पति जिस माँ ने अपना बेटा खोया है।” कवयित्री वंदना श्रीवास्तव ” श्रद्धा ” गंजबासौदा ने कन्याभ्रूण हत्या पर आधारित बेहद मार्मिक रचना प्रस्तुत की – ” बताओ हे पिता अपराध मेरा क्या जो दण्डित हूँ, मैं खण्डित हो गई
क्यों कोख में ही जन्म से पहले।” कवि हरिविलास कोठारी विजयपुर श्योपुर ने सांस्कृतिक रंगों से अलंकृत सबैया छंदों में अपनी रचनायें प्रस्तुत की -” पनघट पनिहारी पीने पानी सुबह शाम ही भरने जावे, ऐसा स्वराज यहाँ गाँवन में कोठारी यहाँ मिल बांट के खावें।” कवि राजेश पुनियां ” विश्वबंधु” हिसार हरियाणा ने अपनी रचना प्रस्तुत की – ” गीत ऐसा लिखना चाहता प्रीत जगाये प्यार की , ऐसी हो कविता जिसमें पीढ़ा हो संसार की ।” कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही कवयित्री नीलम कुलश्रेष्ठ ने अपने सुमधुर स्वर में गीत प्रस्तुत किया – ” आस का दामन नहीं छोड़ना चाहे मुश्किल हो साथी, सुख दुख आते जाते हैं फिर क्यों घबराना ओ साथी ।
” अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कवयित्री नीलम कुलश्रेष्ठ ने काव्यांकुर साहित्यिक मंच की प्रशंसा एवं सुखद कामना करते हुए कहा -” अभिलाषा अनंत खुशियों की अभिलाषा सुख के सपनों की , सुखद कामना पहुंचे सब तक डोर बंधी जिनसे अपनों की।” साथ ही उन्होने समस्त कवियों एवं कवयित्रों को उत्कृष्ट काव्यपाठ हेतु बधाई देते हुए समस्त रचनाकारों से काव्यांकुर साहित्यिक मंच को अपना सहयोग प्रदान करते हुए साहित्य को नई दिशा देने का आह्वान किया। काव्यांकुर साहित्यिक मंच के संस्थापक कवि बसंत श्रीवास्तव ने उत्कृष्ट मंच संचालन हेतु कवि संजय श्रीवास्तव “प्रज्ञा ” गंजबासौदा , कार्यक्रम अध्यक्ष कवयित्री नीलम कुलश्रेष्ठ , विशेष मार्गदर्शन हेतु सुरेंद्र शर्मा “सागर”श्योपुर , सहित समस्त कवि कवयित्रियों एवं श्रोतागणों का आभार व्यक्त करते हुए एवं सभी को शुभकामनायें अर्पित करते हुए मंच को सतत सहयोग प्रदान करने की अपील की।काव्यांकुर साहित्यिक मंच के संयोजक एवं मंच संचालक संजय श्रीवास्तव “प्रज्ञा ” गंजबासौदा ने सभी कवियों को उत्कृष्ट काव्यपाठ हेतु हार्दिक शुभकामनायें अर्पित की एवं मंच को सतत सहयोग प्रदान करने की अपील करते हुए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
मंच के विशेष मार्गदर्शक के रूप में उपस्थित कवि सुरेंद्र शर्मा “सागर” श्योपुर ने इस शानदार आयोजन की सफलता पर सभी को बधाई एवं शुभकामनायें अर्पित करते हुए सभी कवियों एवं कवयित्रियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। इस आयोजन में बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं ने अपनी शानदार स्नेहिल सराहनाओं एवं तालियों द्वारा कवियों का उत्साहवर्धन किया। काव्यांकुर साहित्यिक मंच के इस शानदार आयोजन की जमकर सराहना की गई।