Thursday, June 26, 2025
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    ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान (एमकेआईटीएम) में 28 अप्रैल से 02 मई तक ग्रामीण पर्यटन समन्वयकों के लिए आवासीय आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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    इस पाँच दिवसीय प्रशिक्षण में प्रदेश के 18 जिलों- शामली, सहारनपुर, बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, रायबरेली, हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, लखनऊ, वाराणसी, चंदौली, अयोध्या, बाराबंकी, अमेठी, बहराइच और गोंडा से चयनित 29 ग्राम समन्वयकों ने भाग लिया।

    यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश ग्रामीण पर्यटन परियोजना (एग्री-रूरल एवं गंगे ग्राम रूरल टूरिज्म) के अंतर्गत आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को ग्रामीण पर्यटन, ग्राम समन्वयक की भूमिका, व्यक्तित्व विकास, होम-स्टे की अवधारणा, पारंपरिक भोजन, स्थानीय शिल्प, लोककला, रीति-रिवाज, जैविक खेती, कहानी कहने की कला, कचरा प्रबंधन, सोशल मीडिया, ऑनलाइन मार्केटिंग, डिजिटल भुगतान, स्वच्छता, सुरक्षा, योग एवं ध्यान आदि विषयों पर प्रशिक्षित किया गया।

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    इसका उद्देश्य ग्राम समन्वयकों को इस योग्य बनाना है कि वे हो-मस्टे संचालकों और लाभार्थियों के साथ समन्वय स्थापित कर पर्यटकों को उत्कृष्ट अनुभव प्रदान कर सकें। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को लखनऊ मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर, सीतापुर रोड स्थित बक्शी का तालाब ब्लॉक के पर्यटन ग्राम कठवारा में एक्सपोज़र विजिट भी कराया गया।

    यहाँ 10 होम-स्टे इकाइयों को चिन्हित कर विकसित किया जा रहा है, ताकि घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों को स्थानीय जीवनशैली का अनुभव कराया जा सके। साथ ही जिले स्तर पर कुछ एग्रो-टूरिज्म प्रॉपर्टी को भी चिन्हित किया जा रहा है, जिन्हें पर्यटन विभाग के साथ पंजीकृत कर संचालित किया जाएगा।

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    जयवीर सिंह ने बताया कि स्थानीय स्तर पर ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने, युवाओं के ज्ञान और कौशल में संवर्धन करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है, जिससे युवाओं को आय के बेहतर साधन उपलब्ध हो सकें और युवा पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान कर सकें।

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    पर्यटन विभाग की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘एग्री-रूरल एवं गंगे ग्राम रूरल टूरिज्म’ के माध्यम से चयनित गांवों के लोगों के लिए अलग-अलग चरणों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिससे की चयनित गांवों को पर्यटन गांवों के रूप में विकसित कर स्थानीय स्तर पर ही उद्यमिता विकास किया जा सके, जहां ठहरने की व्यवस्था स्थानीय समुदाय द्वारा होम-स्टे के रूप में प्रदान की जाएगी। जो स्थानीय भ्रमण, स्थानीय व्यंजन, लोक गीत-नृत्य, स्थानीय सांस्कृतिक एवं परंपराओं का अनुभव प्रदान करेंगे।

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