Wednesday, July 30, 2025
More

    प्रधान व सचिव पर सरकारी धन का बंदरबांट करने का आरोप

    प्रधान व सचिव पर सरकारी धन का बंदरबांट करने का आरोप

    सम्पूर्ण समाधान दिवस में शिकायत

    लखनऊ। राजधानी लखनऊ की मलिहाबाद तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत दिलावर नगर के ग्राम प्रधान व सचिव की मिली भगत से सरकारी धन का बंदरबांट करके अंत्येष्टि स्थल का निर्माण शमशान की भूमि पर ना कराकर पशुचर की सुरक्षित भूमि पर अवैध निर्माण करा दिया गया। शनिवार को सरोजनी नायडू सभागार में आयोजित सम्पूर्ण समाधान में अब्दुल वाकिल पुत्र मुन्ना ने शिकायती पत्र देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत में मृतकों के शव निस्तारण हेतु अंत्येष्टि स्थल निर्माण हेतु सरकार ने 24 लाख रुपए स्वीकृत किया था जिसका खाता बैंक ऑफ इंडिया मलिहाबाद शाखा में है इसी खाते में धनराशि उपलब्ध कराई थी।

    अंत्येष्टि स्थल का निर्माण राजस्व विभाग के सरकारी अभिलेखों में दर्ज शमशान के गाटा नंबर में होना चाहिए था परंतु प्रधान व सचिव व लेखपाल की मिलीभगत से सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए अंत्येष्टि स्थल का निर्माण अवैध तरीके से पशुचर की सुरक्षित भूमि पर करा दिया गया है जो अवैध है तथा उपयोग में न आने वाले स्थान पर है जिससे आज तक अनेकों मृत्यु होने के पश्चात भी किसी का भी अंतिम संस्कार वहां पर नहीं हुआ है जिसकी जांच कर अवैध निर्माण को अनुपयोगी घोषित करते हुए गलत व अवैध निर्माण में संबंधित लोगों से सरकारी धन की वसूली की कार्यवाही की जाए तथा प्रधान व सचिव ने अपने पद का गलत उपयोग करते हुए 24 लाख रूपये का गलत तरीके से फर्जीवाड़ा किया गया है तथा जल्दबाजी में वर्ष के अंतिम समय में धनराशि को फर्जी फर्मो व व्यक्तियों के नाम पर निकाला गया है।

    दिलावर नगर पंचायत के निवासी माशूक अली पुत्र वली मोहम्मद जो गांव में झोपड़ी में चक्की लगाकर आटा पीस कर अपना जीवन यापन करते है जिसकी न कोई फर्म है न ही दुकान और न कोई फर्म के मालिक है न रजिस्टर्ड ठेकेदार है उनके खाता संख्या 75551021000125 बैंक ऑफ इंडिया मलिहाबाद से 3 लाख 87 हजार 100 रुपए का भुगतान किया गया है व 15वें वित्त आयोग के खाते से 44,500 रुपये तथा पंचम वित्त आयोग के खाते से 1,00,700 रुपये वर्ष 2021-2022 के अंतिम 4 माह में एक साधारण व्यक्ति माशूक अली को कुल 5,32,300 रुपये का फर्जी तरीके से भुगतान किया गया है। इस तरह अभिषेक नाम से व अन्य नामों से काफी भुगतान किया गया है जो कि यह अनियमितता को दर्शाता है जबकि पंचायत का भुगतान रजिस्टर्ड फर्म पर व रजिस्टर्ड ठेकेदारों को करना चाहिए था पर ऐसा नहीं किया गया।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular