भारतीय सेना,भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर धोखाधडी, एसटीएफ,लखनऊ
भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर धोखाधडी
लखनऊ। कर्नल बताकर अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर धोखाधडी करने वालें गिरोह के सरगना को एसटीएफ ने जनपद मेरठ से गिरफ्तार कर लिया।
अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया की भारतीय सेना में अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर फर्जी तरीके से भर्ती कराने के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त हो रही थी। अभिसूचा संकलन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि अम्हेडा रोड कसेरू बक्सर में सत्यपाल नाम का व्यक्ति जो भारतीय सेना का रिटायर्ड है। जो अपने को सेना का कर्नल बताकर भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर काफी अभ्यर्थियों के साथ धोखाधड़ी कर चुका है।

जिस पर निरीक्षक रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में उ0नि0 दुर्वेश डबास,संजय सिंह,हे0कां0 प्रमोद कुमार,विकास धामा एंव विनय कुमार की टीम अम्बेडा रोड कसेरू बक्सर स्थित सत्यपाल सिंह यादव के मकान पर पहॅूची तो गेट का दरवाजा खुला था। घर के अन्दर से दो लडके आते हुए मिले। जानकारी करने पर जितेन्द्र सिंह व दूसरे ने अपना नाम सुनील कुमार निवासी मीनाक्षीपुरम,थाना गंगानगर मेरठ बताया।
दर्जनों लोगों को ठगा
सुनील ने बताया कि सत्यपाल सिंह यादव ने उसे व उसकी बहन को भारतीय सेना में एलडीसी क्लर्क के पद पर भर्ती कराने के नाम पर 16 लाख रूपयें करीब 02 साल पहले लिए थे। माह मई में उसके व उसकी बहन के नाम से ज्वाईनिंग लेटर स्पीड पोस्ट से उसके पैतृक निवास ग्राम- इस्माईलपुर, तहसील सिकन्द्राबाद, जनपद बुलन्दशहर प्राप्त हुआ था। जिसमें 07 मई को रिक्रूरूटमेंट आफिस एमजी रोड लखनऊ केंट में ज्वाईनिंग करने हेतु लिखा गया था। इस पर वह और उसकी बहन पूनम के साथ ज्वानिंग करने के लिये गये तो वहां इस नाम का कोई आफिस नहीं था।
फिर उन्होंने आर्मी एएमसी हैडक्वार्टर लखनऊ जाकर जानकारी की गई तो वहां पर मौजूद आर्मी वालों ने बताया कि इस नाम का यहां पर कोई भी हैड क्वार्टर नहीं है, यह ज्वानिंग लेटर फर्जी है तथा आपके साथ किसी ने धोखा किया है।
10वीं फेल है आरोपी
जानकारी के बाद एसटीएफ की टीम ने घर के अन्दर से भारतीय सेना के कर्नल की वर्दी पहने डीएस चैहान गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार अभियुक्त ने संक्षिप्त पूछताछ पर बताया कि उसका असली नाम सत्यपाल सिंह यादव निवासी ग्राम ईशापुर, थाना गुलावठी, जनपद बुलन्दशहर है। वह भारतीय सेना वर्ष1985 में भर्ती हुआ था। जो वर्ष 2003 में नायक एमटी (ड्राईवर) के पद से रिटायर्ड हुआ था। उसकी शिक्षा 10वीं फेल है। रिटायर्ड होने के करीब 03 साल बाद उसे पैरालाईसिस हो गया था।
7 लाख से लेकर 9 लाख रूपये तक है वसूलते
पूछताछ में बताया कि उसके लडके रजत उर्फ देवेन्द्र व प्रशांत लेपटाॅप पर टाईप कर प्रिंट निकालते है तथा वही ज्वानिंग लेटर विभिन्न जगहों से सम्बन्धित अभ्यार्थियों को उनके पते पर स्पीड पोस्ट करते हैं। वह अपने आपको भारतीय सेना में भर्ती केन्द्र का कर्नल बताकर लडकों से उन्हें भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर मोटी रकम वसूल करता है।
रजत उर्फ देवेन्द्र व प्रशांत के बारे में पूछताछ पर बताया कि वह लखनऊ किसी काम से गये हुये है तथा जिस लेपटाॅप पर वह लेटर टाईप करते हैं उन्हीं के पास है। वह व उसके दोनों लडके भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर प्रत्येक अभ्यार्थी से 7 लाख से लेकर 9 लाख रूपये तक लेते हैं। वह यह काम लगभग वर्ष 2016 से लगातार कर रहे हैं।