लखनऊ। विकासनगर थाना क्षेत्र में कारोबारी के साथ हुई लूट की घटना को अंजाम देने वाले एक लाख का इनामी लुटेरे को एसटीएफ की टीम ने मुठभेड़ के दौरान डलौना क्रासिंग अण्डर पास के नीचे थाना पीजीआई क्षेत्र
से गिरफ्तार कर लिया।
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पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह ने बताया की विकासनगर थाना क्षेत्र में बीती 28 मार्च को कारोबारी पंकज अग्रवाल के यहाँ लूट की घटना को अंजाम दिया गया था।इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। अ
भिसूचना संकलन के दौरान नि0 हेमन्त भूषण सिंह, उ0नि0 तेज बहादुर सिंह, पीयूष पाठक, हरीष कुमार सिंह चौहान, मु0आ0 पवन कुमार सिंह, देवेन्द्र सिंह, सरताज अहमद,शिवानन्द शुक्ल, कृष्णकान्त शुक्ल, सुनील कुमार यादव, की टीम को ज्ञात हुआ कि विकास नगर में हुयी लूट की घटना में वांछित एक लाख का पुरस्कार घोषित अपराधी वैभव सिंह निवासी मझगवां रामगुलाम पोस्ट-थोकमाधव थाना बघौली जनपद हरदोई मौजूद है।
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जहा पर मुठभेड़ के उपरान्त अभियुक्त वैभव सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड के दौरान अभियुक्त वैभव सिंह के पैर में गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया है। जिसको उपचार हेतु पीजीआई ट्रामा सेन्टर भेजा गया है।
पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह ने बताया की विकासनगर में लूट की घटना में शामिल मुख्य साजिषकर्ता प्रेम बहादुर सिंह व उसके साथी सोनेन्द्र सिंह व गौरव मिश्रा को 30 मार्च को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। साथ ही सात अप्रैल को सुषील मिश्र (एक लाख रूपये का पुरस्कार घोषित) को जनपद-प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था।
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गिरफ्तार अभियुक्तो से पूछताछ पर ज्ञात हुआ था कि प्रेम बहादुर सिंह वर्ष-2023 में व्यवसायी पंकज अग्रवाल के यहां ड्राइवर का काम करता था, कुछ दिन काम करके छोड़ दिया। उसके बाद पिछले एक महीने से फिर उनके यहां ड्राइवरी का काम करने लगा था। कई बार पंकज अग्रवाल अपने साथ कलेक्शन के काफी रूपये लेकर आते जाते थे, जिसे यह देखता रहता था।
इसके अलावा उनका मुनीम अमित सैनी, पंकज अग्रवाल के अलग अलग स्टोर व अन्य स्थानों से रूपये अपनी बाइक से इकठ्ठा करता था, उसके बारे में भी इसको प्रेम बहादुर सिंह को जानकारी थी। उस पैसे को लूटने के लिए उसने अपने चचेरे भाई सोनेन्द्र सिंह (पूर्व में गिरफ्तार) के साथ प्लान बनाया।
सोनेन्द्र सिंह ने कहा कि यह काम एक आदमी का नहीं है इसके लिए 4-5 आदमियों की जरूरत पडेगी। इसके बाद सोनेन्द्र ने वैभव सिंह व अन्य आदमियों को तैयार किया। प्रेम बहादुर सिंह ने सोनेन्द्र सिंह को रूपये लाने वाले आदमी के बारे में व मोटरसाइकिल का नम्बर बताया और सोनेंद्र ने वैभव सिंह व इसके अन्य साथियो को घटना करने के लिए सारी जानकारी दिया।
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वैभव सिंह उपरोक्त कई अपराधों में लगभग 08 वर्ष जनपद हरदोई व सीतापुर जेल में बन्द था। इस घटना को अंजाम देने के लिए वैभव सिंह ने सुषील मिश्रा के साथ मिलकर अन्य साथियों को बुलाया था। जिसके बाद वैभव उपरोक्त सोनेन्द्र, सतीश सिंह अनुज मौर्या, गौरव मिश्रा व सुषील मिश्रा ने रेकी करके लूट की घटना को अंजाम दिया था। जहा इसके गिरफ्तारी हेत एक लाख का पुरस्कार घोषित था।