लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की सनातन धर्म की परंपरा दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति है। इसकी तुलना किसी अन्य धर्म या संप्रदाय से नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ जैसे आयोजन भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री ने एक निजी चैनल द्वारा आयोजित ‘महाकुम्भ महासम्मेलन’ में बोलते हुए महाकुम्भ को राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन जाति, पंथ और लिंग भेदभाव को समाप्त करता है।
महाकुम्भ 2025 के लिए विशेष तैयारियां
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महाकुम्भ 2025 को विरासत और विकास का संगम बताया। उन्होंने कहा कि आयोजन को भव्य और सुव्यवस्थित बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं।
वक्फ बोर्ड पर सख्त रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बोर्ड के नाम पर जमीन कब्जे के मुद्दे पर कहा कि वक्फ अधिनियम में संशोधन कर जमीनों की जांच की जा रही है। अवैध कब्जे वाली जमीनें वापस ली जाएंगी और उनका उपयोग गरीबों के लिए आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर समाज को जाति और धर्म के नाम पर बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जनता अब जागरूक हो चुकी है और ऐसे षड्यंत्र सफल नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से अपने मूल धर्म में लौटना चाहता है, तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। यह धर्म और परंपरा के प्रति जागरूकता का संकेत है।

