शासन प्रशासन के अधिकारिओं के न पहुंचने पर लोगों में गहरा आक्रोश
राम किशोर
लखनऊ। माल थाना क्षेत्र के अमलौली गांव निवासी हवलदार बलराम सिंह चौहन बीएसफ़ में जवान थे। जो कश्मीर के बटमालू क्षेत्र के लाल चौक पर ड्यूटी पर थे। अचानक आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। बलराम सिंह ने डटकर मुकाबला किया और तीन आतंकियों को गोलियों से भून दिया। तभी किसी आतंकी की गोली का शिकार हो गये और उपचार के दौरान वीरगति को प्राप्त गो गये।
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वह तिथि थी 13 जनवरी2003। शहीद के पार्थिव शरीर को विमान द्वारा लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे लाया गया। जहां से सेना द्वारा उनके पार्थिव शरीर को शाजिद के पैतृक गांव अमलौली लाया गया जहां उन्हें सेना द्वारा सलामी दी गयी और उनकी पत्नी नेम आंखों से मुखाग्नि दी। शहीद के पत्नी के अलावा एकलौता बेटा हरि सिंह है।शहीद बलराम सिंह चौहान की 21वीं पुण्य स्मृति में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी “शहीद स्वास्थ्य मेले” का आयोजन किया गया।
जिसमें क्षेत्रीय से गणमान्य लोग शामिल हुए। शाजिद को श्रद्धा सुमन अर्पित करने वीरेंद्र प्रताप सिंह चेयरमैन जिला सहकारी बैंक, शिखा सिंह तोमर चेयरमैन पराग दुग्ध संघ व पूर्व प्रधान नौरंग सिंह, सुरेंद्र सिंह चौहान, धर्मेंद्र बाजपाई व प्रधान अनवार अहमद व शहीद परिवार सहित क्षेत्रीय लोगों ने बढ़ – चढ़कर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। जबकि बीते तीन वर्षों से शासन प्रशासन को कोइ भी नुमाइंदा शहीद की पुण्य तिथि पर नहीं पहुंचा। जिससे क्षेत्रीय लोगों में उपेक्षा के प्रति गहरा आक्रोश है। वहीं सरकार का यह कथन की”शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले” शहीद की उपेक्षा से जुमला साबित हो रहा है।