लखनऊ।वर्तमान अवसर्पिणी काल के चौबीसवें व अंतिम तीर्थंकर और वर्तमान जिनशासन के नायक भगवान महावीर स्वामी का आज 2627 वा जन्म दिवस है।
इस अवसर पर सआदतगंज स्थित श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर से महावीर जयंती के अवसर पर शोभा यात्रा निकाली गई।जिसमें श्री जी को पालकी में बैठा कर के बावली बाजार से होते हुए मातादिन रोड और छोटे चौराहे से वापस मंदिर की में लाया गया। उसके बाद श्री जी का अभिषेक किया गया। मंदिर प्रांगण में ही दीपों के माध्यम से ओम को चित्रित किया गया। इस दौरान महिलाओं ने मंगल गीत गए और बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस दौरान जैन समाज के लोग बड़ी मात्रा में एकत्रित हुए।
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भगवान महावीर स्वामी का जन्म वैशाली गणराज्य के लिच्छवि गणराज्य के क्षत्रिय राजा सिद्धार्थ व माता त्रिशला के यहाँ कुण्डलपुर (वर्तमान कुण्डग्राम बिहार राज्य)ईसा पूर्व 599 में हुआ था। बचपन से ही उनके विलक्षण व्यक्तित्व के दर्शन होने लगे थे। राजमहल में रहने के बावजूद उन्हें युवावस्था में ही संसार की असारता का भान होने लगा था, अतः उन्होंने संसार के मोह माया जाल में न उलझते हुए जैनेश्वरी दीक्षा धारण की और मुक्ति पथ के पथिक बने।
30 वर्ष की आयु में उन्हें राजगृही में केवलज्ञान की प्राप्ति हुई। तत्पश्चात् लगभग 42 वर्षों तक जगह जगह भ्रमण करते हुए अहिंसा,अनेकान्तवाद,शाकाहार आदि सदाचरण की अलख देश दुनिया में जगाई। ईसा पूर्व 527 में 72 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने अभीष्ट मोक्षमार्ग की प्राप्ति की और इस असार संसार के आवागमन से मुक्ति प्राप्त की। भगवान महावीर स्वामी का शुभ संदेश “जियो और जीने दो” है।