सुसाइड नोट में पुलिसकर्मियों को बताया भष्ट
लखनऊ। रहीमाबाद थाना क्षेत्र के गहदो गांव में आईएएस की तैयारी कर रहे युवक ने फर्जी मुकदमे में पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिसके पास मिले सुसाइड नोट में उसने इंस्पेक्टर समेत पूरे थाने पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुसाइड नोट लिख कर रहीमाबाद पुलिसकर्मियों को भष्ट बताया है। मृतक की मां ने आरोपी समेत थाने पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों पर तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत कर कानूनी कार्यवाही किए जाने की मांग की है। वहीं मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमें में हड़कम्प मचा गया। आनन-फानन में तीन पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर करते हुये पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है।
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रहिमाबाद के गहदो गांव निवासी आशीष कुमार उम्र 22 वर्ष ने रविवार दोपहर अपने घर में दो मंजिला इमारत की छत पर बने कुंडे में रस्सी डालकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह बात जब परिजनों को पता चली तो हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही रहीमाबाद थाने की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची।मृतक के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है।
जिसमें उसने फर्जी मुकदमे में फंसाया जाने को लेकर प्रताड़ित होकर उसने आत्महत्या का जिक्र किया है। जिस में लिखा है की थाने की सीसीटीवी की जांच करवा लो, आधार कार्ड की फोटो को सादे कागज पर करवा कर सभी भाईओ के हस्ताक्षर जबरन लिया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
फर्जी तरीके से दर्ज किया मुकदमा
पीड़ित की मां सुशीला ने बताया कि उसका बेटा एक साल से आईएएस बनने की तैयारी कर रहा था।सन 2018 में रहीमाबाद थाना क्षेत्र के बकतौरी पर गांव निवासी नंदू विश्वकर्मा ने उसके सर पर सरिया मार कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इस मामले में मृतक के पिता ने मलिहाबाद थाने पर हरिजन एक्ट सहित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया था। मृतक की मां ने बताया कि तब से नंदू विश्वकर्मा रंजिश मानता था।
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नंदू विश्वकर्मा ने षड्यंत्र रचकर वर्ष 2022 में उसके बेटे आशीष कुमार और बड़े बेटे मयंक पर श्यामलाल निवासी शिवपुरी की शह पर पुलिसकर्मियों से सांठगांठ कर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोपियों ने घटना का जिस समय जिक्र मुकदमें में किया था उसी वक्त उसका बेटा अपने घर पर मौजूद था। जिसका सीसीटीवी फुटेज, वीडियो भी उसके पास था। उसने पुलिस से न्याय की गुहार लगाते हुए निष्पक्ष जांच कर मुकदमे में अग्रिम कार्यवाही की मांग की थी। लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसकी बात को नहीं सुना और मुकदमे में चार्ज सीट लगा दी थी। मृतक की मां ने बताया कि उपनिरीक्षक राजमणि पाल और लल्लन पाल ने चार्ज शीट लगाने से पहले उससे मुकदमा को खत्म करने के लिए पचास हजार रुपए की मांग की थी। उसने बताया था कि अगर पचास हजार दे दोगी तो तुम्हारे बेटों पर जो मुकदमा दर्ज है, वह खत्म कर दूंगा। रुपए न मिलने पर उपनिरीक्षक लल्लन पाल ने फर्जी मुकदमे में चार्जशीट लगा दी। मृतक की मां ने बताया कि मेरा बेटा उसी फर्जी मुकदमे में बीते गुरुवार को न्यायालय में पेशी पर गया था।
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जहां से वह डिप्रेशन में आ गया और उसने आत्महत्या कर ली। फांसी लगाने से पहले मृतक ने एक सुसाइड नोट लिखा है। जिसमें उसने रहीमाबाद थाने के इस्पेक्टर सहित समस्त थाना भष्ट है का आरोप लगाते हुए उप निरीक्षक राज मणिपाल, लल्लन पाल समेत सिपाही मोहित शर्मा को अपनी मौत का जिम्मेदार मानते हुए उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की थी।
तीन पुलिसकर्मी किए गए लाइन हाजिर
घटना का सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल होते ही पुलिस महकमें में हड़कम्प मच गया। हरकत में आए आला अधिकारियों ने रहीमाबाद थाने पर तैनात उप निरीक्षक राजमणि पाल, लल्लन प्रसाद पाल,मोहित कुमार शर्मा को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया।