लखनऊ।भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की DILRMP (डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम) परियोजना के अंतर्गत ’नक्शा प्रोजेक्ट’ चल रहा है। इसके तहत पायलट प्रोजेक्ट के प्रथम बैच का छह दिवसीय प्रशिक्षण सत्र सोमवार को राजा टोडरमल सर्वेक्षण एवं भूलेख प्रशिक्षण संस्थान हरदोई में शुरू किया गया।
इस प्रशिक्षण सत्र में जनपद हरदोई, बुलन्दशहर पीलीभीत के राजस्व, नगरीय निकाय एवं अन्य विभाग के कार्मिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस प्रथम बैच में कुल 56 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया, जिनमें हरदोई से 34 प्रशिक्षु, अनूपशहर (बुलन्दशहर) से 10 प्रशिक्षु और पीलीभीत से 12 प्रशिक्षु शामिल हुए।
राजस्व परिषद के अनुसार यह प्रशिक्षण मध्य प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से ड्रोन एवं रोवर्स तकनीक का उपयोग करते हुए शहरी संपत्तियों के डिजिटलीकरण पर आधारित है।
इस अवसर पर अनिल कुमार कटियार उप निदेशक राजा टोडरमल सर्वेक्षण एवं भूलेख प्रशिक्षण संस्थान, विनीत कुमार, विशेष कार्याधिकारी, राजस्व परिषद,अजय अग्रवाल, कन्सलटेण्ट, राजस्व परिषद,प्रसन्ना एस, IT GIS Expert, COE LBSNAA मंसूरी, अखिलेश यादव, रिसर्च ऑफीसर, COE LBSNAA मंसूरी, प्रमेश कुमार, उप जिलाधिकारी, पीलीभीत तथा गार्गी, अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, अनूपशहर, मनीष कुमार तिवारी, मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिकल डेवलपमेण्ट कार्पाेरेशन, एस०के० शुक्ला, सीनियर सर्वेयर, सर्वे ऑफ इण्डिया तथा अमित मिश्रा, ड्रोन कम्पनी के Demonstrator द्वारा प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
एक क्लिक पर उपलब्ध होगा डिजिटल रिकॉर्ड
इस परियोजना का उद्देश्य नवीनतम तकनीकों की सहायता से नगरीय क्षेत्रों की संपत्तियों का अद्यतन डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना है, जो नागरिकों को एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेगा। इससे न केवल संपत्ति विवादों का निस्तारण आसान होगा बल्कि नगर नियोजन एवं टैक्सेशन व्यवस्था में भी सुधार होगा।