लखनऊ। ‘यूपी रुद्राज़ ग्रासरूट्स हॉकी क्लिनिक’ सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि उन अनदेखी प्रतिभाओं को रोशनी में लाने की कोशिश है, जो आज छोटे कस्बों और गांवों में अपने मौके का इंतजार कर रहे हैं।
इसी दिशा में उत्तर प्रदेश में हॉकी के सुनहरे भविष्य की नींव रखने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए यूपी रुद्राज़ और यदु स्पोर्ट्स ने गुरुवार को ‘यूपी रुद्राज़ ग्रासरूट्स हॉकी क्लिनिक’ की शुरुआत की।
प्रतिष्ठित पद्मश्री मोहम्मद शाहिद हॉकी स्टेडियम में आयोजित इस पहल का मकसद जमीनी स्तर पर छिपी हुई हॉकी प्रतिभाओं को तलाशना और उन्हें राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने के लिए तैयार करना है। इस क्लिनिक में 90 के दशक में भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच रहे यह जिम्मेदारी निभाएंगे।
हॉकी इंडिया लीग की फ्रेंचाइजी यूपी रुद्राज़ के यूपी रुद्राज़ के टेक्निकल डायरेक्टर सेड्रिक लखनऊ और वाराणसी में तीन- तीन दिन कैंप करेंगे। इसमें लखनऊ में 26 से 28 जून और वाराणसी में 30 जून से 2 जुलाई तक क्लिनिक का आयोजन होगा।
इस आयोजन का मकसद हॉकी की बारीकियां बताने के साथ यूपी रुद्रा के लिए प्रतिभाशाली खिलाडियों की खोज भी करना है।
ऑस्ट्रियाई की राष्ट्रीय हॉकी टीम के प्रशिक्षक भी रहे और वर्तमान समय में जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को तैयार कर रहे सेड्रिक डिसूजा ने बताया कि मैं यूपी रुद्राज़ के प्रयासों का आभारी हूं, जो जमीनी स्तर से हॉकी को फिर से मजबूत करने में जुटे हैं। सिंघानिया परिवार का यह कदम निश्चित ही प्रदेश के कोचों और खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन का स्रोत बनेगा।
वहीं क्लिनिक के उद्घाटन के मौके पर मौजूद रहे मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक डा. आरपी सिंह ने कहा कि मैं यूपी रुद्राज़ की प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं जो राज्य ही नहीं, देशभर में हॉकी को मजबूत करने की दिशा में सक्रिय है।
इस तरह के प्रयासों से यह साबित होता है कि निजी क्षेत्र की भागीदारी से जमीनी स्तर पर खेलों को मजबूत किया जा सकता है। इस अभियान से उभरती हुई प्रतिभाओं की पहचान और उनके साथ निरंतर जुड़ाव को मजबूती मिलेगी।
यूपी रुद्राज़ के खेल प्रमुख सुखविंदर सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य सिर्फ खेल के बुनियादी ढांचे तक सीमित नहीं है, हम उत्तर प्रदेश में हॉकी का जुनून फिर से जगाना चाहते हैं।
छोटे शहरों और कस्बों में अनेक प्रतिभाएं छिपी हुई हैं, जिन्हें सही मंच और मार्गदर्शन की जरूरत है। हमारा निरंतर प्रयास और विशेषज्ञ प्रशिक्षण इन खिलाड़ियों को भविष्य के हॉकी सितारों में बदल सकता है। यह पहल यूपी में हॉकी की एक जीवंत संस्कृति के निर्माण की दिशा में अहम कदम है।