लखनऊ। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के विधि संकाय में सोमवार को “सीमाओं की समझ और सुरक्षा” विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यक्रम एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनिशिएटिव्स (आली) संस्था के सहयोग से संपन्न हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में विधि संकाय के डीन प्रोफेसर मसऊद आलम और विशिष्ट अतिथि के रूप में विभागाध्यक्ष डॉ. पीयूष त्रिवेदी उपस्थित रहे। आली संस्था की ओर से फखरुनिशा, समान रहमान और मन्नतशा ने मंच संचालन किया।
विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ. नीरज शुक्ल ने सीमाओं के महत्व और कर्तव्यों की समझ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यार्थियों को अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने दायित्वों का भी ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने विधिक पेशे में गरिमा और नैतिक मूल्यों को सर्वोपरि बताया।
संस्था आली की कार्यक्रम अधिकारी फखरुनिशा ने सहमति-असहमति तथा कार्यस्थल पर महिलाओं की यौन सुरक्षा जैसे विषयों पर विद्यार्थियों को जागरूक किया।
कार्यक्रम का संचालन सहायक आचार्य डॉ. दीक्षा मिश्रा ने किया। इस अवसर पर प्रो. चंदना डे, डॉ. नलिनी मिश्रा, डॉ. कृष्णा मुकुंद, श्री अंशुल पांडेय, डॉ. श्वेता त्रिवेदी, डॉ. प्रशांत वरुण, तान्या सागर, जैनब इफ्तार, रविकेश मौर्य, भानु प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
अंत में अतिथियों ने विद्यार्थियों से अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने और सामाजिक सीमाओं का सम्मान करने का आह्वान किया।

