- अंतिम 16 सेकंड में ‘चित’ कर जापान को हराया; ननिहाल (वाराणसी) में खुशी की लहर
वाराणसी/जौनपुर। बहरीन में आयोजित तृतीय यूथ एशियन गेम्स में भारत के लिए एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। जौनपुर के प्रतिभावान पहलवान जयवीर यादव ने 55 किलोग्राम भार वर्ग की कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया।
जयवीर की इस ऐतिहासिक और रोमांचक जीत की खबर मिलते ही वाराणसी और जौनपुर के खेल प्रेमियों में उत्साह की लहर दौड़ गई। वाराणसी के गद्दोपुर हाथी बाजार (जंसा) स्थित जयवीर के ननिहाल पर परिजनों और शुभचिंतकों का तांता लग गया। परिजनों, मित्रों और ग्रामीणों ने मिठाइयाँ बाँटकर इस बड़ी सफलता का ज़ोरदार जश्न मनाया।
रोमांचक फाइनल में 0-6 से पिछड़ने के बाद शानदार पलटवार
वाराणसी कुश्ती संघ के संयुक्त सचिव गोरख यादव ने जीत का विवरण साझा करते हुए बताया कि फाइनल में जयवीर का मुकाबला जापान के पहलवान से था। मुकाबला बेहद कड़ा रहा, और कुश्ती समाप्त होने से मात्र 16 सेकंड पहले जयवीर 0-6 से पीछे चल रहे थे। इसी निर्णायक क्षण में जापानी खिलाड़ी ने ‘भारन्दज’ दांव लगाया, जिसका जयवीर ने असाधारण काउंटर अटैक करते हुए उसे ‘चित’ (वाईफाल) कर दिया। इस अप्रत्याशित पलटवार ने जयवीर को भारत के लिए पाँचवाँ स्वर्ण पदक दिलाने का गौरव दिया।
भारतीय टीम के साथ बहरीन में मौजूद कुश्ती प्रशिक्षक राम सजन यादव (जो स्वयं वाराणसी के चौबेपुर क्षेत्र के निवासी हैं) ने मोबाइल पर गोरख यादव को जीत का पूरा ब्यौरा दिया।
काशी की भूमि पर सीखा ककहरा
गोरख यादव ने बताया कि जयवीर ने कुश्ती का ‘ककहरा’ (बुनियादी शिक्षा) और खेल जीवन का विकास वाराणसी स्थित अपने ननिहाल में रहकर ही किया। उनकी सफलता पर उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष करण भूषण सिंह, महासचिव सुरेश चंद्र उपाध्याय, और वाराणसी कुश्ती संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष राजीव सिंह ‘रानू’ ने हार्दिक बधाई दी है।



