नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईसीसी महिला एक दिवसीय विश्व कप जीतने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए 51 करोड़ रुपये के विशाल नकद पुरस्कार की घोषणा करके इतिहास रच दिया है। यह पुरस्कार राशि वैश्विक मंच पर भारतीय महिला क्रिकेट की पहली ऐतिहासिक जीत के सम्मान में एक बड़ा कदम है, जो महिला खिलाड़ियों के लिए खेल में एक नए युग का सूत्रपात करता है।
बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने सोमवार को यह घोषणा करते हुए बताया कि 51 करोड़ रुपये की यह इनामी राशि खिलाड़ियों, सहयोगी स्टाफ (कोच अमोल मजूमदार के नेतृत्व में) और राष्ट्रीय चयन समिति के सदस्यों सहित पूरी टीम में वितरित की जाएगी। यह राशि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से विजेता टीम को मिलने वाली पुरस्कार राशि (लगभग $4.48 मिलियन या ₹39.78 करोड़) के अतिरिक्त है, जो महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए बीसीसीआई की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
52 साल का इंतजार खत्म
हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व में, भारतीय महिला टीम ने रविवार को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए रोमांचक फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार आईसीसी वैश्विक ट्रॉफी पर कब्जा किया। 2005 और 2017 में फाइनल में मिली हार के बाद, टीम इंडिया ने तीसरी बार में यह खिताब जीतकर 52 साल के लंबे इंतजार को खत्म किया।
फाइनल में टीम इंडिया का प्रदर्शन बेहतरीन रहा। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने निर्धारित 50 ओवरों में 7 विकेट पर 298 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा किया। युवा सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने 78 गेंदों में 87 रनों की शानदार पारी खेली, जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया। जवाब में, दक्षिण अफ्रीका की टीम भारतीय गेंदबाजों के सामने टिक नहीं पाई और 45.3 ओवर में 246 रन पर ऑल आउट हो गई। भारतीय स्पिनर दीप्ति शर्मा, जिन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया, ने 39 रन देकर 5 विकेट लेकर अपनी फिरकी का कमाल दिखाया।
1983 की जीत से तुलना
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने इस जीत को 1983 में कपिल देव की पुरुष टीम की विश्व कप जीत के समान बताया, जिसने देश में क्रिकेट को एक नई दिशा दी थी। सैकिया ने कहा,1983 में, कपिल देव ने भारत को विश्व कप जितवाकर क्रिकेट में एक नए युग और प्रोत्साहन की शुरुआत की थी। वही उत्साह और प्रोत्साहन आज महिलाओं द्वारा लाया गया है। हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम ने आज सिर्फ ट्रॉफी नहीं जीती है, उन्होंने सभी भारतीयों का दिल जीता है। उन्होंने महिला क्रिकेटरों की अगली पीढ़ी के लिए मार्ग प्रशस्त किया है।
उन्होंने बीसीसीआई सचिव के रूप में जय शाह के नेतृत्व में महिला क्रिकेट में हुए परिवर्तनों की भी सराहना की, जिसमें वेतन समानता लागू करना और महिला विश्व कप की इनामी राशि में 300% की वृद्धि शामिल है।
टीम की यह ऐतिहासिक जीत पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है और इसने महिला क्रिकेटरों को एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित किया है। यह नकद पुरस्कार न केवल इस ऐतिहासिक उपलब्धि का सम्मान है, बल्कि देश में महिला क्रिकेट के भविष्य को और उज्जवल बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रोत्साहन भी है।

