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विश्व में 14वें नंबर की भारतीय खिलाड़ी ने जापानी खिलाड़ी युशी तनाका को 21-15, 21-11 से हराया
सिडनी। भारतीय बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन ने लंबे समय बाद खिताब जीतते हुए सिडनी में आयोजित सुपर 500 ऑस्ट्रेलियन ओपन पर कब्ज़ा किया। फाइनल में उन्होंने जापान के युशी तनाका को 21-15, 21-11 से हराया। यह लक्ष्य के करियर का तीसरा सुपर 500 खिताब है। मुकाबला बेहद एकतरफा रहा और सेन ने इसे अपने करियर के सबसे आसान फाइनल में से एक बताया।
जीत के बाद उन्होंने अपनी उंगलियाँ कानों में डालकर और आँखें बंद कर जश्न मनाया—यह इशारा उनके हफ्तेभर की मेहनत और दबाव से बाहर निकलने का प्रतीक था।
सिर्फ फाइनल आसान रहा, बाकी सफर चुनौती भरा
टूर्नामेंट का शुरुआती सफर लक्ष्य के लिए आसान नहीं था। उन्होंने अपने हमवतन आयुष शेट्टी और चाइनीज़ ताइपे के अनुभवी चौ तिएन चेन को कड़े मुकाबलों में हराया। सेमीफाइनल में ही उन्होंने 85 मिनट कोर्ट पर बिताए थे।
इसके उलट फाइनल में सामना हुए तनाका बेहद अस्थिर दिखे। लगातार गलतियाँ, नेट में फंसी शटल और गलत स्मैश उनके लिए बड़ी समस्या बन गए। “डोमेस्टिक जाइंट” कहे जाने वाले तनाका हाल के महीनों में पहले और दूसरे राउंड में ही हारते रहे हैं, और फाइनल में पहुँचकर भी उनका खेल बिखरा-बिखरा दिखा।
शांत, संयमित और रणनीतिक रहे लक्ष्य
लक्ष्य सेन ने फाइनल में कोई जोखिम नहीं लिया। उन्होंने बेसिक गेम प्लान पर टिके रहकर तनाका की कमजोरियों का फायदा उठाया। पहले गेम में तनाका करीब 15-13 तक पहुंचे, लेकिन लक्ष्य ने तुरंत अंतर बढ़ाकर बढ़त पक्की की। पूरे 38 मिनट के मुकाबले में लक्ष्य लगभग शुरू से अंत तक नियंत्रण में रहे।
तनाका की बैक कोर्ट से की गई “फैंसी” ड्रॉप शॉट्स बार-बार नेट में फंसीं, और लक्ष्य ने मौके का पूरा फायदा उठाया। पेरिस ओलंपिक्स में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद लक्ष्य इस खिताब के लिए बेहद मेहनत कर रहे थे और उसका फल उन्हें आखिरकार मिल गया।
वर्ल्ड टूर फाइनल्स की क्वालिफिकेशन भले छूटी, पर अंत शानदार रहा
हालाँकि यह जीत वर्ल्ड टूर फाइनल्स के लिए क्वालिफिकेशन दिलाने के लिए देर से आई, लेकिन लक्ष्य सेन ने अंतरराष्ट्रीय स्विंग का अंत एक बड़े खिताब के साथ किया और अब वह भारत लौटेंगे

