Sunday, June 1, 2025
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    राष्ट्रीय युवा संसद जैसे आयोजन विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण में निभाते है महत्वपूर्ण भूमिका – कुलपति प्रो. आनंद भालेराव

    जयपुर। संसदीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित 17वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता का आयोजन आज अजमेर के राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में हुआ।

    इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने भारतीय संसद की विभिन्न प्रक्रियाओं और नियमों का पालन करते हुए विभिन्न मुद्दों पर शानदार बहस प्रस्तुत की। इस प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के 55 छात्रों ने 55 मिनट तराष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता क मॉक संसद का मंचन किया। जिसमें युवा सांसदों को सरकार और विपक्ष की बेंचों में विभाजित किया गया।

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    जिन्होंने भारतीय संसद की सभी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए जल, कृषि, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, विदेश नीति आदि जैसे विभिन्न मुद्दों पर रचनात्मक और तीखी बहस की। कार्यक्रम की शुरुआत में, युवा सांसदों ने शोक संदेश प्रस्तुत करते हुए उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर संवेदना व्यक्त की।

    राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने बताया कि राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता जैसे आयोजन विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों में लोकतांत्रिक मूल्यों की समझ, तार्किक तर्क-वितर्क की क्षमता विकसित करता है। उन्होंने कहा की राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने इस मॉक संसदीय मंचन में राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर यह सिद्ध किया है कि वे न केवल बौद्धिक रूप से सक्षम हैं, बल्कि नेतृत्व करने की क्षमता भी रखते हैं।

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    राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय निरंतर ऐसे अवसर प्रदान करता रहेगा, जिससे हमारे विद्यार्थी देश के भविष्य के जिम्मेदार नागरिक बन सकें। कुलपति ने कहा की हमारे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित राष्ट्र निर्माण प्रयासों के लिए महान संपत्ति हैं।

    युवा संसद के दौरान, महाराष्ट्र और कर्नाटक से नवनिर्वाचित सांसदों ने क्रमशः मराठी और कन्नड़ में शपथ ली, जिससे कार्यक्रम का राष्ट्रीय स्वरूप स्पष्ट हुआ। इसके बाद, प्रश्नकाल सत्र में विपक्षी सदस्यों ने सरकार से तीखे सवाल पूछे, जिनका सत्तारूढ़ पक्ष ने प्रभावी उत्तर दिया।

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    नियम 193 के अंतर्गत कृषि संकट पर विशेष चर्चा हुई, जिसमें विपक्ष ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और सरकार ने प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री, पर्यावरण मंत्री और गृह मंत्री के नेतृत्व में संतोषजनक उत्तर प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंतिम चरण में, क़ानून मंत्री द्वारा प्रस्तुत “वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक, 2024” पर चर्चा हुई, जिसे गहन समीक्षा के लिए चयन समिति को भेजने का निर्णय लिया गया।

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    इस अवसर पर निर्णायक मंडल द्वारा छह विद्यार्थियों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए चुना गया, जिन्होंने स्पीकर, विपक्ष के नेता, प्रधानमंत्री, क़ानून मंत्री, गृह मंत्री और राजस्थान की एक महिला सांसद की भूमिकाएं निभाईं। इन छात्रों को संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से विशेष प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।

    कार्यक्रम में पार्लियामेंट्री मंत्रालय के प्रतिनिधि प्रो. दिनेश अरोड़ा और गवर्मेंट कॉलेज ऑफ अजमेर के प्रो. मनोज अवस्थी उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी निदेशक प्रो. राजेश कुमार ने कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। युवा संसद में कई शिक्षण व गैर-शिक्षण कर्मचारी और विभिन्न शैक्षणिक विभागों के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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