Monday, September 1, 2025
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    सनातन की अलख जगाने श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े का महाकुम्भ नगर में भव्य प्रवेश

    महाकुम्भ नगर: प्रयागराज में जनवरी 2025 में आयोजित होने वाले महाकुम्भ के लिए अखाड़ों का महाकुम्भ नगर में प्रवेश शुरू हो चुका है। इस सिलसिले में शनिवार को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े ने पूरी भव्यता और राजसी अंदाज में महाकुम्भ नगर में प्रवेश किया। इस अवसर पर किन्नर अखाड़े ने भी जूना अखाड़े का अनुसरण करते हुए अपनी छावनी में प्रवेश किया।

    सनातन संस्कृति की महाकुम्भ यात्रा

    महाकुम्भ 2025 के लिए अखाड़ों का यह ऐतिहासिक प्रवेश यात्रा, त्रिवेणी संगम के तट पर आयोजित होने वाले इस महा समागम के आयोजन से पहले एक महत्वपूर्ण कदम है। जूना अखाड़े ने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी की अगुवाई में अपनी छावनी में प्रवेश किया। यात्रा श्री मौज गिरी आश्रम से शुरू होकर महाकुम्भ नगर के सेक्टर 20 में समाप्त हुई। इस यात्रा में जूना अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत नारायण गिरी के अनुसार, 65 महा मंडलेश्वर और 8,000 से अधिक साधु-संतों ने भाग लिया, जो सौ से अधिक शाही बग्घियों में सवार थे।

    आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा, “हमारे अखाड़े का प्रवेश महाकुम्भ के पवित्र और भव्य आयोजन की शुरुआत है। इस दौरान हमारे सभी पूजा अनुष्ठान छावनी में स्थापित देवताओं के समक्ष होंगे।”

    किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा

    जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े ने भी अपनी विशेष प्रवेश यात्रा निकाली। किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर समुदाय के सैकड़ों सदस्यों ने इस भव्य यात्रा में भाग लिया। राजसी सिंहासनों पर सवार होकर किन्नर अखाड़े के सदस्य महाकुम्भ नगर में पहुंचे, जो इस यात्रा को और भी भव्य और आकर्षक बना रहा।

    कुम्भ की स्वच्छता और सुरक्षा

    महाकुम्भ नगर में अखाड़ों के प्रवेश मार्ग में सुरक्षा और स्वच्छता के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, इस बार अखाड़ों के जुलूस के ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तारों को हटाकर अंडरग्राउंड केबल लगाए गए हैं। इसके साथ ही, प्रमुख मार्गों पर लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों का निर्माण भी किया गया है, जिससे मार्ग पर जाम की समस्या पूरी तरह समाप्त हो गई है।

    पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता प्रमोद कुमार सिंह ने बताया, “हमने महाकुम्भ के जुलूस के मार्गों से बिजली के पोल हटा दिए हैं और अंडर ग्राउंड केबल के जरिए बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की है, ताकि अखाड़ों के संतों के जुलूस निर्बाध रूप से शहर से छावनी में प्रवेश कर सकें।”

    स्वच्छता और भव्यता की मिसाल

    स्पेन से आई जूना अखाड़े की अवधूत संत अंजना गिरी ने कहा, “मैं पिछले 30 वर्षों से हर कुम्भ और महाकुम्भ में आ रही हूं, लेकिन इस बार महाकुम्भ में इतनी स्वच्छता और भव्यता कभी नहीं देखी। यह आयोजन सच में ऐतिहासिक है।”

    महाकुम्भ 2025 के इस आयोजन में अखाड़ों का प्रवेश और उनके द्वारा किए गए भव्य अनुष्ठान न केवल धार्मिक आस्था को बल देते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं की महिमा को भी दर्शाते हैं।

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