जयपुर। मरुस्थलीय क्षेत्र में भूमि संरक्षण और हरियाली लाने की दिशा में जलग्रहण विकास व भू संरक्षण विभाग की चारागाह विकास एवं पौधरोपण योजना मिसाल बन रही है।
घनश्याम सिंह अधीक्षण अभियंता, जलग्रहण विकास विभाग ने बताया कि बालोतरा उपखंड की रिछोली ग्राम पंचायत के रेतीले धोरो में विभाग ने 37 लाख की लागत से एक सुंदर बगीचा विकसित किया है, जहां आंवला, शीशम, बैर, अनार व नींबू जैसे पौधे लहलहा रहे हैं। तीन वर्षों की मेहनत और सतत देखरेख से तैयार हुए इस बगीचे को सोलर सिस्टम से बूंद-बूंद सिंचाई दी जा रही है, जिससे जल संरक्षण भी सुनिश्चित हो रहा है।
इस बगीचे ने जहां स्थानीय लोगों को शुद्ध वातावरण दिया है, वहीं पशुओं के लिए चारागाह भी तैयार हुआ है। इस पहल से गांव के युवाओं में भी पौधरोपण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान के तहत किया गया यह कार्य पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ जलग्रहण तकनीक के क्षेत्र में एक अनुकरणीय उदाहरण बन चुका है। विभाग का यह प्रयास मरुस्थलीय क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने की दिशा में एक सार्थक कदम है।