लखनऊ। इस बार के महाकुम्भ में आये हुए श्रद्धालुओं की मदद के लिए जीआइएस आधारित क्यूआर कोड की व्यवस्था ऊर्जा विभाग द्वारा की गयी है। इस तकनीक का लाभ उठाकर श्रद्धालु अपने विछुड़े परिजनो से पुनः मिल रहे, अपने खोये सामान को फिर से प्राप्त कर रहे हैं।
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आधुनिक तकनीक का सहारा
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने बताया इस बार के कुम्भ मेले की व्यवस्था में मानवीय पुरुषार्थ, मशीन और आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। श्रद्धालुओं ने भी कुम्भ मेले में की गयी व्यवस्थाओं का मुक्तकण्ठ से प्रसंशा कर रहे हैं। इस तकनीक के माध्यम से महाकुंभ मेले में खोये हुए किसी के पिता जी मिल गये, किसी का भाई मिल गया, किसी को सही रास्ता मिल गया।
उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग ने इस बार मेला क्षेत्र में 50 हजार से अधिक बिजली के खंभों में जीआईएस मैपिंग आधारित भौगोलिक जगह चिन्हित करके क्यूआरकोड स्थापित किया है।
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बिजली के खम्भे में लगा क्यूआर कोड
हर खंभे को एक संख्या दी गई है। जो उस पर लिखी है। खंभे की संख्या बताने से उसकी लोकेशन मालूम पड़ जाती है। मेले में यदि आपका कोई भी प्रिय व्यक्ति बिछड़ गया हो या अन्य कोई समस्या हो तो पुलिस या प्रशासन के नज़दीक के सहायता काउंटर अथवा हेल्पलाइन पर अपने खंभे की संख्या और अपनी समस्या बताने पर प्रशासन के अधिकारी या पुलिस आप तक पहुँचकर आपकी मदद कर रहे या फिर अपने स्मार्ट फ़ोन से कोड को स्कैन करने से एक फॉर्म खुलेगा, उसमें अपना नाम, फ़ोन नंबर और समस्या भरकर सबमिट करने प्रशासन आप तक स्वतः पहुँचकर आपकी मदद कर रहा।
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महाकुंभ मेला क्षेत्र में बिजली के खम्भे में लगा क्यूआर कोड श्रद्धालुओं की समस्या का त्वरित समाधान कर सकता है। अभी तक देश-विदेश से आये हुए कई तीर्थ-यात्रियों ने इस तकनीक का लाभ लिया है और उन्होंने इस तकनीकी व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार की प्रसंशा की।