2024 का साल भारतीय बैडमिंटन के लिए मिश्रित अनुभवों से भरा रहा। जहां एक ओर भारतीय क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और नई ऊंचाइयों को छुआ, वहीं बैडमिंटन में खिलाड़ियों को निराशा का सामना करना पड़ा। पेरिस ओलंपिक में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा और भारत को इस बार इस स्पर्धा में एक भी पदक हासिल नहीं हुआ।
पीवी सिंधू और लक्ष्य सेन की निराशा
भारत की दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू के लिए 2024 का साल बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। उन्होंने अपनी कोचिंग टीम में बदलाव किया और प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण के मार्गदर्शन में बंगलौर में प्रशिक्षण लिया। हालांकि, उनका यह बदलाव भी उन्हें सफलता नहीं दिला सका। सिंधू का टूर्नामेंट के शुरुआती दौर में बाहर होना जारी रहा, जिससे उनकी फिटनेस और फॉर्म में कमी सामने आई। वह मलेशिया मास्टर्स के फाइनल में तो पहुंची, लेकिन प्री-क्वार्टर फाइनल में हारकर उनका ओलंपिक पदक जीतने का सपना अधूरा रह गया। हालांकि, इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने साल का समापन सैयद मोदी इंटरनेशनल खिताब जीतकर किया। वही इसी वर्ष ही भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु शादी के बंधन में बंध गई हैं। सिंधु ने उदयपुर के एक रिसोर्ट में शादी की. भारत की ओलंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु ने 23 दिसंबर को वेंकट साइ दत्त के साथ शादी की।
लक्ष्य सेन का ओलंपिक पदक से चूकना
लक्ष्य सेन के लिए भी 2024 एक मिश्रित साल रहा। ओलंपिक में भारत की उम्मीदों का दारोमदार उनसे था। साल की शुरुआत में फ्रेंच ओपन और ऑल इंग्लैंड चैंपियंस के सेमीफाइनल में पहुंचने से उनके खराब फॉर्म से वापसी का संकेत मिला था, और उन्होंने पहले ओलंपिक पदक की उम्मीदों को फिर से जगाया। हालांकि, पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक के मुकाबले में हारने के बाद उनका पदक जीतने का सपना अधूरा रह गया। लेकिन, लक्ष्य सेन ने सैयद मोदी इंटरनेशनल में खिताबी जीत से अपने सत्र का समापन किया और साबित कर दिया कि उनकी कड़ी मेहनत और क्षमता अभी भी सर्वोच्च है।
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सात्विक-चिराग की जोड़ी का शानदार प्रदर्शन
सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की शानदार जोड़ी ने भारतीय बैडमिंटन में एक अमिट छाप छोड़ी। इन दोनों ने 2024 में कई प्रमुख टूर्नामेंटों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वे चार फाइनल तक पहुंचे और दो खिताब भी जीते, जिससे उनके ओलंपिक पदक की उम्मीदें भी बढ़ गईं। फ्रेंच ओपन सुपर 750 और थाईलैंड सुपर 500 में उन्होंने खिताब जीतकर अपनी ताकत को साबित किया और दुनिया की शीर्ष जोड़ियों में अपनी जगह बनाई। मलेशिया सुपर 1000 और इंडिया सुपर 750 में उपविजेता रहे, लेकिन पेरिस ओलंपिक में वे क्वार्टर फाइनल से बाहर हो गए, जिससे उनका ओलंपिक पदक जीतने का सपना अधूरा रह गया।
निराशाजनक ओलंपिक प्रदर्शन, फिर भी उम्मीद की किरण
2024 में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने पेरिस ओलंपिक में कड़ी मेहनत और संघर्ष के बावजूद पदक जीतने में असफल रहे। इस बार भारतीय बैडमिंटन में उम्मीदें अधिक थीं, लेकिन पेरिस ओलंपिक में कोई भी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पदक तक नहीं पहुंच सका। पीवी सिंधू, लक्ष्य सेन, और सात्विक-चिराग की जोड़ी ने भरपूर प्रयास किया, लेकिन परिणाम उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे।
हालांकि, भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने अपनी निरंतर मेहनत और समर्पण से नई उम्मीदें जगाई हैं और यह साफ है कि भविष्य में भारतीय बैडमिंटन को एक नई दिशा मिल सकती है। पेरिस ओलंपिक से खाली हाथ लौटने के बावजूद इन खिलाड़ियों की मेहनत और प्रदर्शन ने भारतीय बैडमिंटन को नई पहचान दी है। अब भारतीय बैडमिंटन प्रेमी उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाले टूर्नामेंट्स में हमारे खिलाड़ी अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन करेंगे और पदकों की झड़ी लगाएंगे।
रिपोर्ट – रघुबीर शर्मा