जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार जिले में ग्राम पंचायतवार किसान रजिस्ट्री शिविरों का सफल आयोजन किया जा रहा है। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी स्वयं किसान रजिस्ट्री शिविरों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (चतुर्थ) देवेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि जयपुर जिले में आयोजित किसान रजिस्ट्री शिविरों में अब तक 2 लाख 76 हजार 91 किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका हैं। 2 लाख 76 हजार 2 किसानों को 11 अंकों की विशिष्ट पहचान भी उपलब्ध करवाई जा चुकी है, जिसके बाद जयपुर प्रदेश में सबसे ज्यादा किसान आईडी जारी करने वाला जिला बन गया है।
वहीं जयपुर जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के कुल लाभार्थियों में से अब 79 फीसदी से ज्यादा लाभार्थियों का किसान रजिस्ट्री शिविरों में रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि किसान रजिस्ट्री शिविरों में लाभार्थियों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किये गए हैं। शिविर में किसान आईडी तैयार करने के साथ साथ प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना, मुख्यमंत्री आरोग्य आयुष्मान योजना, किसान क्रेडिट कार्ड मंगला पशु बीमा योजना, पशु टीकाकरण, पशु चिकित्सा एवं उपचार सहित पशुपालन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित अन्य विभागों की योजनाओं से भी किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है।
एग्रीस्टैक योजनांतर्गत जयपुर में फार्मर रजिस्ट्री अभियान का आयोजन ग्राम पंचायत स्तर पर 31 मार्च तक किया जाएगा। इनमे किसानों की विशिष्ट फार्मर आईडी बनाई जा रही है।
शिविरों के सफल आयोजन के लिए जिला स्तरीय हेल्प डेस्क का संचालन किया जा रहा है। आमजन एवं किसान अपनी ग्राम पंचायत में शिविर के आयोजन सहित अन्य जानकारियां हासिल करने के लिए दूरभाष नंबर 0141-2209905, 0141-2209906 पर संपर्क कर सकते है।
इसलिए उपयोगी है किसान रजिस्ट्री
भविष्य में प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि विभाग की योजनाओं और राज्य एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे पात्र किसानों को प्रदान करने के लिए फार्मर आईडी आवश्यक होगी। भविष्य में नामांतरण एवं क्रय-विक्रय पंजीयन की प्रक्रिया में भी फार्मर आईडी की ज़रूरत होगी।
किसान रजिस्ट्री से किसानों को मिलेगा लाभ
किसान आईडी (बिना अतिरिक्त दस्तावेज) के माध्यम से सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं तक पहुंच आसान हो सकेगी। किसानों से फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्यों एवं अन्य योजनाओं में त्वरित (बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज के) खरीद संभव हो सकेगी। किसान की फसल के अनुसार डिजिटल तरीके से फसलों का बीमा संभव होगा।
इसके अतिरिक्त किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा ऋण आसानी एवं शीघ्रता से मिल सकेगा। साथ ही किसानों को फसलों के लिए सेवाओं और बाजारों का व्यापक विकल्प भी मिल सकेगा। इसके अलावा किसान अपनी फसलों, मृदा की स्थिति और कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुसार परामर्श सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे।