जयपुर।असहाय और अल्पआय वर्ग के तीन लाख से अधिक बच्चों को शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 12(1)(ग) के तहत गैर-सरकारी विद्यालयों में नि:शुल्क प्रवेश मिलेगा।
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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बुधवार को शिक्षा संकुल परिसर सभागार में आयोजित एक सादा समारोह में ऑनलाइन लॉटरी प्रक्रिया का शुभारंभ किया। राज्य के कुल 34,799 पात्र गैर-सरकारी विद्यालयों के लिए यह लॉटरी निकाली गयी, जिससे लाखों बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर मिल सकेगा। http://www.rajpsp.nic.in/ बेव पोर्टल पर आवेदन आईडी व मोबाइल नंबर के माध्यम से अभिभावक अपने बच्चे की वरीयता सूची में स्थिति देख सकते हैं।
तीन साल से अधिक आवेदन
नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (ग) के तहत समस्त गैर राजकीय विद्यालयों में नि:शुल्क सीट्स प्रवेश के लिए वरीयता क्रम हेतु ऑनलाइन लॉटरी में तीन लाख से अधिक विद्यार्थियों के नाम शामिल किए गए हैं। नि:शुल्क सीट पर प्रवेश हेतु राज्य में कुल 34,799 पात्र विद्यालय हैं जिनमें आवेदन प्राप्त विद्यार्थियों की संख्या 3,08,064 है। इनमें बालकों की संख्या – 1,61,816, बालिकाओं की संख्या – 1,46,241 और कुल थर्ड जेन्डर की संख्या – 7 है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने आरटीई लॉटरी के माध्यम से चयनित सभी विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग वंचित व अल्पआय वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि आरटीई से संबंधित परिवादों (अपीलों) के शीघ्र समाधान के लिए विभाग की ओर से एक नया पोर्टल प्रस्तावित किया गया है, जिसमें अभिभावक एवं विद्यालय अपने परिवाद दर्ज कर सकेंगे। यह पोर्टल प्रणाली में पारदर्शिता और त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करेगा।
शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने चयन प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि 9 से 15 अप्रैल तक अभिभावक विद्यालयों में वरीयता के अनुसार रिपोर्टिंग कर सकेंगे। चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन 21 अप्रैल तक किया जाना है।
इस मौके पर राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त अनुपमा जोरवाल, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा सीताराम जाट और अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक सुरेश कुमार बुनकर सहित विभाग के पदाधिकारी उपस्थित रहे।