लखनऊ। चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ उत्तर प्रदेश की एक महत्वपूर्ण बैठक राजधानी लखनऊ स्थित बलरामपुर चिकित्सालय में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार ने की। इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त समस्याओं और कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर विमर्श हुआ, जिसमें विभिन्न एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और अपने सुझाव एवं प्रस्ताव साझा किए।
बैठक में सबसे प्रमुख मुद्दा स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पड़े पदों को शीघ्र भरने का रहा, जिस पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सरकार से अनुरोध किया जाएगा कि इन पदों की जल्द से जल्द भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाए, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके और कार्यरत कर्मचारियों पर कार्यभार का दबाव कम हो।
इसके अतिरिक्त, स्थानांतरण सत्र के दौरान नीतिगत स्थानांतरण के मसले पर भी गहन चर्चा की गई। महासंघ ने यह प्रस्ताव पारित किया कि जैसे चिकित्सकों और नर्सिंग संवर्ग को सेवा काल के आधार पर स्थानांतरण की बाध्यता से छूट प्राप्त है, उसी प्रकार पैरामेडिकल कर्मचारियों को भी यह सुविधा दी जाए। इस प्रस्ताव के समर्थन में सभी प्रतिनिधियों ने एकमत से अपनी सहमति जताई।
महासंघ ने प्रमुख सचिव और महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि भीषण गर्मी और संभावित कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए वर्तमान समय में अस्पतालों में मरीजों की संख्या अत्यधिक बढ़ गई है। ऐसे में स्थानांतरण की प्रक्रिया से स्वास्थ्यकर्मियों को असुविधा हो रही है। पत्र में मांग की गई कि कर्मचारियों और अधिकारियों को इस स्थानांतरण के तनाव से मुक्त रखते हुए उन्हें अपने-अपने कार्यस्थल पर सेवाएं देने का अवसर मिलना चाहिए, जिससे राज्य की चिकित्सा सेवाओं में कोई बाधा न आए।
बैठक में विभिन्न एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रही। डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन से कपिल वर्मा, अरुण अवस्थी, रजत, श्रवण सचान, लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन से कमल श्रीवास्तव और सुनील कुमार, राजकीय नर्सेज संघ से मनीषा, महेंद्र नाथ श्रीवास्तव, जितेंद्र बहादुर सिंह, गीताशु वर्मा, अमिता रौस, राजकीय आप्टोमेटिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश से सर्वेश पाटिल, एक्स-रे टेक्नीशियन एसोसिएशन से राम मनोहर कुशवाहा, दिलीप कुमार तथा डार्क रूम सहायक संवर्ग से भानु राय प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
बैठक में लिए गए निर्णय न केवल कर्मचारियों के कार्यदशा को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, बल्कि इससे आम जनता को मिलने वाली चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी। महासंघ ने भरोसा जताया कि राज्य सरकार इन मांगों पर शीघ्र निर्णय लेकर स्वास्थ्यकर्मियों के मनोबल को बढ़ाएगी और चिकित्सा सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाएगी।