जयपुर। जवाहर कला केन्द्र (जेकेके) में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में 18 से 20 अगस्त तक तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव ‘मधुरम’ का आयोजन होगा। इस दौरान कला प्रेमी शास्त्रीय गायन, वादन, नृत्य और रंगमंच से जुड़ी विविध प्रस्तुतियों का आनंद ले सकेंगे।
पहले दिन 18 अगस्त को जयपुर घराने की प्रसिद्ध गायिका पद्मश्री अश्विनी भिडे देशपांडे की शिष्या सानिया पाटनकर शास्त्रीय गायन पेश करेंगी, जिसमें वे विभिन्न रागों के माध्यम से संगीत की सुंदरता से साक्षात्कार कराएंगी।
19 अगस्त को जेकेके में 4 अगस्त से चल रही पारम्परिक लोकनृत्य कार्यशाला का समापन समारोह होगा। पं. राजेन्द्र राव के निर्देशन में 40 से अधिक प्रतिभागी घूमर, चिरमी, चरी नृत्य, सावन गीत और राधा-कृष्ण प्रसंगों पर सामूहिक प्रस्तुति देंगे।
अंतिम दिन 20 अगस्त को गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी, वृन्दावन के कलाकार नृत्य-नाटिका ‘भ्रमर’ मंचित करेंगे। इसे छैल बिहारी उपाध्याय ‘छैल’ ने लिखा है, जबकि परिकल्पना व निर्देशन प्रो. दिनेश खन्ना का है। राधा, कृष्ण और गोपियों की वेशभूषा में कलाकार संगीत और रंगमंच के संग भगवान श्रीकृष्ण की लीला का सजीव मंचन करेंगे।
सभी प्रस्तुतियां शाम 6:30 बजे रंगायन सभागार में होंगी।