Friday, September 5, 2025
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    9वें गुरु दक्षता फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम का सफल समापन

    जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर स्थित यूजीसी–मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) द्वारा ऑनलाइन मोड में आयोजित 9वें गुरु दक्षता फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम का समारोहपूर्वक समापन हुआ। कुलगुरु प्रो. अल्पना कटेजा के मार्गदर्शन और प्रेरणादायी नेतृत्व में एक माह तक चले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर से विभिन्न विषयों के 47 नव नियुक्त शिक्षकों ने भाग लिया।

    कार्यक्रम का शुभारंभ 4 अगस्त को हुआ था। जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. ओ.पी. बैरवा, आयुक्त, कॉलेज शिक्षा निदेशालय, राजस्थान सरकार ने सहभागिता की थी, जबकि अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. कटेजा ने की थी।

    समापन समारोह में केंद्र की निदेशक प्रो. रेशमा बूलचंदानी ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि “गुरु दक्षता जैसे कार्यक्रम न केवल शिक्षण कौशल को निखारते हैं, बल्कि शिक्षकों को जिम्मेदार अकादमिक नेतृत्व की दिशा में भी प्रेरित करते हैं।” उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे इस प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को अपने संस्थानों में नवाचार और उत्कृष्टता के साथ लागू करें।

    पैनल चर्चा का भी आयोजन

    इस अवसर पर पैनल चर्चा का भी आयोजन हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने उच्च शिक्षा प्रणाली और राष्ट्रीय शिक्षा नीति–2020 से जुड़े विचार साझा किए। कार्यक्रम में शामिल 90 विशेषज्ञ वक्ताओं में जेएनयू, आईआईटी, दिल्ली विश्वविद्यालय और बीएचयू सहित देश के प्रमुख संस्थानों से जुड़े शिक्षाविद शामिल थे। विशेषज्ञों ने संवादात्मक सत्रों, व्याख्यानों, रिफ्लेक्शन और प्रोजेक्ट कार्यों के माध्यम से प्रतिभागियों को समृद्ध किया।

    कार्यक्रम समन्वयक डॉ. विजेन्द्र कुमार ने एक माह की गतिविधियों का संक्षिप्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उपनिदेशक एवं सह-समन्वयक डॉ. चंद्राणी सेन ने प्रतिभागियों की सक्रियता और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि “उनकी प्रस्तुतियाँ और प्रोजेक्ट कार्य उच्च शिक्षा के उज्जवल भविष्य की दिशा में उनकी तैयारी को दर्शाते हैं।”

    10 प्रमुख मॉड्यूल्स पर आधारित रहा

    सत्र समन्वयक डॉ. केसर चायल, डॉ. नेहा अरोड़ा, डॉ. हंसा चौधरी और डॉ. भारत लाल मीणा ने भी अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम को प्रतिभागियों ने प्रेरणादायी, ज्ञानवर्धक और उपयोगी बताते हुए इसे अपने अकादमिक जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अनुभव माना।

    यह प्रशिक्षण कार्यक्रम यूजीसी द्वारा निर्धारित 10 प्रमुख मॉड्यूल्स पर आधारित रहा, जिसमें पाठ्यक्रम निर्माण, मूल्यांकन, तकनीकी एकीकरण, अनुसंधान नेतृत्व, नैतिकता, संवैधानिक मूल्य और पर्यावरणीय चेतना जैसे विषयों पर विशेष जोर दिया गया।

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