Monday, June 16, 2025
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    झगड़ा व दंगो के लिए बम बनवाने वाली महिला गिरफ्तार

    झाड़ फूक व दवाई देने का करती है काम

    लखनऊ। स्पेशल टास्क फोर्स ने टाईमर बम तैयार कराने वाली महिला को जनपद मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार कर लिया।
    अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया की मुखबिर एंव सहयोगी केन्द्रीय अभिसूचना एजेन्सी के जरिये सूचना प्राप्त हुई कि थाना कोतवाली नगर, मुजफ्फरनगर में टाईमर बम तैयार कराने वाली इमराना अपने घर पर मौजूद हैं। जिस पर घेराबंदी कर इमराना निवासी गा्रम-बन्तीखेडा, थाना बाबरी, जनपद शामली को काली नदी पुलिस के पास प्रेमपुरी, थाना कोतवाली नगर जनपद मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार कर लिया।
    गिरफ्तार अभियुक्ता ने पूछताछ पर बताया कि मैं गांव निरमाना, थाना शाहपुर जनपद मु0नगर की रहने वाली हूूॅ। मेरे पिता शकूर थे, जिनकी मृत्यू हो चुकी है। मेरी शादी करीब 30 वर्ष पहले आजाद पुत्र इजराईल निवासी बन्तीखेडा, थाना बावरी, जनपद शामली से हुई थी। मेरे तीन बच्चे पैदा हुए। बडी लड़की रूकसार पत्नी नदीम नि0 सरस्वती बिहार, हरिद्वार रोड, देहरादून में रहती है। एक लड़का मोनू 24 वर्ष का था जिसकी 6 माह पहले अटैक से मृत्यु हो चुकी है तथा उससे छोटा लडका सोनू 21 वर्ष का है, जो कपडे़ का काम करता है।

    पशुपालन का काम

    मेरे पति पहले लकड़ी का काम करते थे, अब पशु पालते हैं। लगभग 20-22 वर्ष से मैं अपने पति के साथ मकान लेकर मौहल्ला प्रेमपुरी काली नदी के पुल के पास मु0नगर में रह रही हॅू तथा ससुराल बन्ती खेडा में आती जाती रहती हॅू। मैं साईबाबा के आर्शीवाद से मंगलवार व शक्र्रवार को गांव बन्तीखेडा जाती हॅू तथा वहा झाड़ फूक व दवाई देने का काम करती हॅू। मेरे पास सभी तरह के लोग आते रहते हैं। मैं करीब 20 वर्ष पहले से जावेद को जानती हॅू। उसके पिता जरीफ अहमद हकीम थे, जिनसे मैं अपनी व अपने पति की दवाई लेने उनके घर आती-जाती थी।

    जावेद से दो बम लिये थे

    जावेद भी मुझे वहीं पर मिल जाता था। जावेद की मॉ नेपाल की रहने वाली है। जावेद के चाचा अर्शी लाईसैंस पर पटाखे बनाने का काम करते थे, जावेद भी उनके पास पटाखे बनाने का काम करता था। करीब 12-13 वर्ष पहले मैंने जावेद से दो बम लिये थे जो मैंने अपने घर पर रख लिये थे। एक बम की बत्ती निकल गयी थी कोई बडी घटना न हो जाये इस डर के कारण मैंने उन्हें काली नदी में फेक दिया था।

    कोई झगड़ा हो तो उसमें काम आयेंगे

    वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर में हिन्दू मुस्लिम झगड़ा हो गया था तो हिन्दूओ ने मेरा घर जला दिया था, जिसमें मेरा काफी नुकसान हो गया था, जिसे लेकर मुझमे काफी गुस्सा था। इसके बाद मैंने जावेद पुत्र जरीफ से मुलाकात कर कुछ बम बनवाये थे ताकि आगे कोई झगड़ा हो तो उसमें काम आयेंगे। वह बम मैंने काफी समय पहले अपने मिलने वाले कुछ लोगों को दे दिये थे ,जिनको मैंने दिये थे। उनके नाम पता मैं अब नही जानती हॅू। इस बार मैंने करीब 15 दिन पहले जावेद से 10 बम बनाने के लिए कहा था, सोचा था कि कोई झगड़ा व दंगा होगा तो काम आयेंगे।
    जावेद मीरापुर से अपने जानने वाले के पास से बारूद लाकर बम बनाता है। इस बार बारूद कम मिलने के कारण जावेद 5 ही बम बना पाया था। जावेद ने यह भी बताया था कि एक बम गर्म होकर खराब हो गया था, जिसे काली नदी में फेंक दिया था। जावेद परसो मेरे पास 4 बम लेकर आ रहा था कि पुलिस ने उसे रास्ते मे ही पकड़ लिया।
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