लखनऊ । शुक्रवार को केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा के निदेशक टी दामोदरन की अध्यक्षता मे एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे आम के पौध सरंक्षण की समस्याएं एवं भविष्य रणनीति पर चर्चा की गयी।
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आम में लगने वाले कीटों की समस्याएं एवं उनका सामायिक समन्वित करने, पारिस्थितिकी संतुलन बनाये रखते हुए गुणवत्तायुक्त कीटनाशको का प्रयोग करने तथा मौसम परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए भविष्य की रणनीति के बारे में विस्तृत जानकारी से उपस्थित प्रतिभागियों को लाभान्वित किया गया।
आम में लगने वाले कीटों की समस्याएं एवं उनका सामायिक समन्वित करने, पारिस्थितिकी संतुलन बनाये रखते हुए गुणवत्तायुक्त कीटनाशको का प्रयोग करने तथा मौसम परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए भविष्य की रणनीति के बारे में विस्तृत जानकारी से उपस्थित प्रतिभागियों को लाभान्वित किया गया।
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के डॉ. रवि एस.सी. वैज्ञानिक, मलिहाबाद क्षेत्र में आम काश्त की विधाएं एवं समस्याएं विषय पर बोलते हुए बागवानों द्वारा अपनाई जा रही विधाओ एवं उनकी समस्याओं को चिन्हित करने के बारे में एक मुख्य जानकारी उपस्थित सभी प्रतिभागियों बीच साझा की।
डॉ टी. दामोदरन ने संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों को बागवानों तक पहुंचाने में हिंदी भाषा के महत्व को इंगित किया। औद्योगिक प्रयोग प्रशिक्षण केंद्र मलिहाबाद से नामित उद्यान अधिकारी/विषय विशेषज्ञ सहित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान एवं इसके क्षेत्रीय केंद्र मालदा (पश्चिम बंगाल) से कुल 50 वैज्ञानिको/अधिकारियों और कर्मचारियों ने भौतिक एवं ऑनलाइन माध्यम से कार्यशाला में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का समन्वयन अरविंद कुमार नोडल अधिकारी (राजभाषा) द्वारा किया गया।