लखनऊ। नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने नगर निगम क्षेत्र और विस्तारित क्षेत्रों की नागरिक समस्याओं पर लखनऊ जनकल्याण महासमिति के साथ बैठक की। बैठक का आयोजन प्रातः 9:30 बजे से 10:30 बजे तक जोन-4 कार्यालय, गोमती नगर में किया गया। इसके बाद ग्राम शिवरी स्थित ठोस कूड़ा प्रबंधन (एस.डब्ल्यू.एम.) प्लांट का निरीक्षण और सभागार में एक विस्तृत चर्चा आयोजित हुई।
बैठक में लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे, उपाध्यक्ष विवेक शर्मा, महासचिव राम कुमार यादव, अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार राव, पंकज श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता (सिविल) महेश वर्मा, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह और जोनल अधिकारी (जोन-3) उपस्थित रहे।
महासमिति ने नगर निगम सीमा के वर्ष 2019 में विस्तारित क्षेत्रों में भवनों से गृहकर लिये जाने पर आपत्ति जताई। महासमिति ने उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 177ज के तहत मांग की कि विकास कार्य जैसे सड़क, पेयजल और मार्ग प्रकाश की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं या पांच वर्षों तक गृहकर में छूट दी जाए।
नगर आयुक्त की अध्यक्षता में महासमिति के प्रतिनिधियों को शिवरी स्थित ठोस कूड़ा प्रबंधन प्लांट का निरीक्षण कराया गया। निरीक्षण के दौरान प्लांट की वर्तमान स्थिति और पूर्व की वस्तुस्थिति पर विस्तृत जानकारी दी गई। महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने प्लांट की स्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की और नगर निगम द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।
दिसंबर 2020 से विस्तारित क्षेत्रों में गृहकर निर्धारण पर चल रहे विवाद को हल करने के लिए चर्चा की गई। महासमिति ने सहमति व्यक्त की कि उन क्षेत्रों में, जहां नागरिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, गृहकर का निर्धारण कर भुगतान किया जाएगा। नगर आयुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि गृहकर निर्धारण के दौरान पूर्व वर्ष का ब्याज नहीं लिया जाएगा।
नगर आयुक्त ने आश्वस्त किया कि गोमती नगर विस्तार की ऐसी कालोनियां, जो नगर निगम को अभी तक हस्तांतरित नहीं हुई हैं, उन्हें शीघ्र हस्तांतरित किया जाएगा। सफाई, डोर-टू-डोर कूड़ा उठान, पेयजल और मार्ग प्रकाश की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
कूड़ा प्रबंधन के तहत विस्तारित क्षेत्रों के अपार्टमेंट में बल्क वेस्ट जेनरेटर्स के माध्यम से कूड़ा संग्रहित किया जाएगा। अपार्टमेंट के फ्लैट स्वामी अपने कूड़े को एकत्रित करेंगे, जिसे अधिकृत संस्था द्वारा संग्रहित किया जाएगा।