Wednesday, October 22, 2025
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    लोगों को Digital Arrest कर ठगी करने वालेसंगठित गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार

    लखनऊ। पुलिस विभाग का अधिकारी बनकर Digital Arrest कर ठगी करने वाले संगठित गिरोह के एक सदस्य को एसटीएफ ने इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नई दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।

    48 लाख रूपये की ठगी

    अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया की विगत काफी समय से सीबीआई/नारकोटिक्स/क्राईमब्रांच के अधिकारी बनकर लोगों को Digital Arrest कर ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में टीमों को सक्रिय किया गया था। इस दौरान ज्ञात हुआ कि डा अशोक सोलंकी निवासी लखनऊ नेे  मुकदमा पंजीकृत कराया था कि दो दिन तक जांच के नाम पर Digital Arrest कर 48 लाख रूपये की ठगी की गयी है।

    कम्बोडिया फरार हो गया

    जिस पर मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित करते हुए एसटीएफ टीम ने हरियाणा से पांच लखनऊ से नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान पता चला की गिरोह के मुख्य सदस्य सुरेश कुमार सैन निवासी ग्राम रामनगर, थाना बानसुर, तहसील बानसुर ,जिला कोटपुतली अलवर, राजस्थान गिरफ्तारी से बचने के लिए कम्बोडिया फरार हो गया है। जिसकी भारत आने की सूचना प्राप्त होने पर उसे इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।

    चाइनीज लोग द्वारा संचालित साइबर ठगी करने वाली

    गिरफ्तार अभियुक्त सुरेश कुमार सैन ने पूछताछ में बताया कि मैं अप्रैल 2023 में दिल्ली से कोलकाता व बैंकॉक होते हुए सीएमरीप एयरपोर्ट कंबोडिया गया था। मुझे एजेंट रफीक भाटी झूझनू, राजस्थान के जानने वाले एजेंट नितिन निवासी मुंबई के माध्यम से कंबोडिया में एक बांग्लादेशी नागरिक मिला था। जो मुझे एक होटल में लेकर गया। मै उस होटल में 05 दिन तक रुका। इसके बाद वह बांग्लादेशी नागरिक यासीन चौधरी निवासी पाकिस्तान के माध्यम से मुझे फ्नोमपेन्ह शहर और उसके आस-पास के चाइनीज लोग द्वारा संचालित साइबर ठगी करने वाली पांच कॉल सेंटरों पर लेकर गया था। मेरे साथ नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान आदि देशों के लोग भी गये थे।

    धन दोगुना करने के प्रलोभन भरे आफर

    इन काल सेंटरों  मे पहले हम लोगों का इंटरव्यू हुआ। इन काल सेंटरों में हम लोगों को अधिकारी बनकर Digital Arrest कर ठगी करने,आनलाइन ट्रेडिंग व शेयर आदि में इनवेस्ट करने पर कम समय में धन दोगुना करने के प्रलोभन भरे आफर देकर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश  व नेपाल आदि देशों में साइबर ठगी करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। इन काल सेंटरों में मेरा कई चरणों में इण्टरब्यू लिया गया एवं कई दिन तक मुझे ट्रेनिंग दी गयी थी। यहां पर मैंने लगभग 10 महीने तक साइबर ठगी का काम किया था।

    1000 डालर का कमीशन

    मैं साइबर ठगी करने वाले इन काल सेंटरों में कालिंग की जाब के लिए कमिशन लेकर भारत से कालर को बुलाने का भी काम करने लगा। मैं अपने पर्सनल कांटेक्ट व नितिन के माध्यम से लोगों को कम्बोडिया बुलाने लगा। मेरे व यासीन के माध्यम से किसी का सेलेक्शन इन ठगी की कॉल सेंटरों में होने पर 1000 डालर का कमीशन मिलता था, जिसे मैं व यासीन चौधरी आपस में बांट लेते थे। यहां पर मैं कालरों को कॉल सेंटरों में ले जाता था, उनका सेलेक्शन कराता था।

    काल सेन्टर पोडपेड-कम्बोडिया

    चीनी कॉल सेंटर में इंटरव्यू लेने वाले लोग भारत, पाकिस्तान, नेपाल व बांग्लादेश के होते थे। साइबर ठगी की काल सेंटरों पर मैंने लगभाग 30 कालरों को खुद से व यासीन चौधरी के माध्यम से लगभग 75 कालरों को सेलेक्ट कराया था। यह काल सेन्टर पोडपेड-कम्बोडिया में है। इसके बाद मैनें मार्च 2024 में यासीन चौधरी से अलग होकर अपना खुद का रेस्टोरेंट फ्नोमपेन्ह (कम्बोडिया) में खोल लिया था।

    मनोरथ नाम से दूसरा रेस्टोरेन्ट खोला

    दो माह बाद इसको बंद कर कैंपोट शहर (कम्बोडिया) में मनोरथ नाम से दूसरा रेस्टोरेन्ट खोला था। इसी रेस्टोरेन्ट के पते पर मैं साइबर ठगी के लिए कालरों को वीजा दिलाकर बुलाता हूँ। मै भारत से कम्बोडिया भेजने के लिए लोगों से 01 लाख 50 हजार रू0 लेता हूं। इसके बाद कंबोडिया में चाइनीज कॉल सेंटरों में सेलक्शन कराकर बतौर कमीशन-1000 डालर लेता हूं। मै कुछ कालरों को भारत से कम्बोडिया ले जाने के लिए भारत आया था।
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