ढाका। बांग्लादेश क्रिकेट टीम के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (वनडे) से तत्काल प्रभाव से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। 37 वर्षीय रहीम ने अपने संन्यास की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए साझा की। वह हाल ही में समाप्त हुई चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में बांग्लादेश टीम का हिस्सा थे, जहां उनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत निराशाजनक रहा।
रहीम ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा,मैं आज वनडे प्रारूप से संन्यास लेने की घोषणा कर रहा हूं। मैंने जो भी हासिल किया वह अल्हम्दुलिल्लाह (भगवान का शुक्र है)। हमारी वैश्विक स्तर पर उपलब्धियां सीमित हैं लेकिन एक चीज स्पष्ट है, मैंने जब भी अपने देश की तरफ से मैदान पर कदम रखा तो पूरे समर्पण और ईमानदारी के साथ 100 प्रतिशत से अधिक योगदान दिया।
उन्होंने आगे कहा,पिछले कुछ सप्ताह मेरे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहे हैं, और मुझे अहसास हो गया है कि यही मेरी नियति है। मैं अपने परिवार, दोस्तों और अपने प्रशंसकों का आभार व्यक्त करता हूं, जिनके लिए मैंने पिछले 19 वर्षों से क्रिकेट खेली है।
मुशफिकुर रहीम ने लगभग 20 साल पहले वनडे क्रिकेट में पदार्पण किया था और इस प्रारूप में 274 मैचों में बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 36.42 की औसत से 7795 रन बनाए।बांग्लादेश की ओर से वनडे में उनसे अधिक रन केवल तमीम इकबाल (8357 रन) ने बनाए हैं।
रहीम ने 94 टेस्ट और 102 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले हैं। हालांकि, वह पहले ही टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। अब वह 100 टेस्ट मैच खेलने वाले पहले बांग्लादेशी क्रिकेटर बनने की ओर अग्रसर हैं।
चैंपियंस ट्रॉफी में बांग्लादेश टीम और मुशफिकुर रहीम दोनों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। रहीम भारत के खिलाफ शून्य पर आउट हुए, जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ मात्र दो रन ही बना सके। बांग्लादेश टीम ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई थी।
संन्यास के बाद मुशफिकुर रहीम टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे और वह बांग्लादेश क्रिकेट में किसी अन्य भूमिका में भी नजर आ सकते हैं। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने उनके वनडे करियर की सराहना करते हुए कहा कि वह टीम के लिए एक महान खिलाड़ी रहे हैं और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।
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मुशफिकुर रहीम का नाम बांग्लादेश क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में लिया जाता है। उन्होंने टीम के लिए कई यादगार पारियां खेली हैं और एक विकेटकीपर के रूप में भी अहम योगदान दिया है। उनके संन्यास से बांग्लादेश क्रिकेट टीम को निश्चित रूप से एक बड़ा झटका लगेगा।