लखनऊ। प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार ने आज इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के अत्याधुनिक स्वरूप का लोकार्पण किया।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार ने कहा कि समय के साथ विज्ञान एवं तकनीक का स्वरूप निरंतर बदल रहा है और उसी के अनुरूप नक्षत्रशाला का आधुनिकीकरण किया गया है। यह न केवल वैज्ञानिकों बल्कि विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश की गोरखपुर और रामपुर नक्षत्रशालाओं का आधुनिकीकरण भी शीघ्र पूर्ण होगा तथा गोरखपुर में विज्ञान पार्क का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
मंत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाला कल बच्चों के ही हाथों में है और डॉ. एपीजेअब्दुल कलाम के विचारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का माध्यम
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत सिंह पाल ने कहा कि “लखनऊ की नक्षत्रशाला का नया स्वरूप प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। यह केवल मनोरंजन का केंद्र नहीं होगा बल्कि बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का माध्यम भी बनेगा।” उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों, अधिकारियों और मीडिया प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।
टू-डी और थ्री-डी: एट-के क्वालिटी प्रोजेक्शन से लैस
प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग पंधारी यादव ने कहा कि नया तारामंडल अत्याधुनिक तकनीक जैसे टू-डी और थ्री-डी: एट-के क्वालिटी प्रोजेक्शन से लैस है, जो बच्चों और आमजन में विज्ञान के प्रति नई जिज्ञासा और रुचि उत्पन्न करेगा तथा विज्ञान संचार और शिक्षा को नई दिशा देगा। विशेष सचिव श्री शीलधर यादव ने भी इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएँ दीं।
कार्यक्रम में अटल आवासीय विद्यालय, मोहनलालगंज के 110 छात्र-छात्राएँ शो के प्रथम दर्शक बने। इसी अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में पुरस्कार वितरण समारोह भी आयोजित किया गया। जिसमें चयनित प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर्स क्लब (यूपीएएसी) के सदस्य भी कार्यक्रम में सम्मिलित रहे।
इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के अंतर्गत कार्य करता है। यह देश के प्रमुख तारामंडलों में से एक है और अब तक लाखों दर्शकों को खगोल विज्ञान से जोड़ चुका है। वर्ष 2023 से जनता के लिए बंद रहने के बाद अब इसका आधुनिकीकरण कर इसे पुनः जनता को समर्पित किया गया है।
नई प्रणाली टू-डी/थ्री-डी: एट-के डिजिटल फुलडोम प्रोजेक्शन सिस्टम और डिजिस्टार सेवन तकनीक पर आधारित है। यह जी-पी-यू आधारित ग्राफिक्स रेंडरिंग का उपयोग करती है, जिससे ब्रह्मांड का वास्तविक समय (रीयल-टाइम) सिमुलेशन संभव हुआ है। इसके माध्यम से दर्शक चाँद की सतह, क्षुद्रग्रह टक्करें, आकाशगंगा की संरचना और खगोलीय घटनाओं का जीवंत अनुभव कर सकते हैं।
10 हजार वर्ष अतीत और 10 हजार वर्ष भविष्य का आकाश
यहाँ दर्शक 10 हजार वर्ष अतीत और 10 हजार वर्ष भविष्य का आकाश किसी भी स्थान से देख सकते हैं। एडवांस्ड टेरेन इंजन के माध्यम से ग्रहों की सतह, पर्वत, घाटियाँ और बादलों का भी अन्वेषण किया जा सकता है। प्लानेटेरियम डोमकास्टिंग की सुविधा से यहाँ से विश्व के अन्य नक्षत्रशालाओं में सीधा शो प्रसारित करना भी संभव है।
गुंबद और ध्वनि प्रणाली को भी पूरी तरह उन्नत किया गया है। अब 15 मीटर व्यास का नैनो-सीम सीमलेस डोम स्थापित किया गया है। अंदर-बाहर ध्वनिकी (अकूस्टिक) उपचार कर ध्वनि को प्रतिध्वनि व विकृति से मुक्त किया गया है। 7.1 सराउंड साउंड सिस्टम दर्शकों को उच्च गुणवत्ता की ध्वनि का अनुभव कराता है।
विशेष छूट का प्रावधान
टिकट दरों की घोषणा भी की गई। पाँच वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रवेश निःशुल्क रहेगा। सामान्य दर्शकों के लिए टू-डी शो का टिकट 100 रुपये और थ्री-डी शो का टिकट 200 रुपये निर्धारित किया गया है। दिव्यांगजन एवं 18 वर्ष तक के विद्यार्थियों के लिए टू-डी शो का टिकट 50 रुपये और थ्री-डी शो का टिकट 100 रुपये होगा।
विद्यालय अथवा महाविद्यालय के समूह के लिए विशेष छूट का प्रावधान किया गया है, जिसके अंतर्गत 100 या उससे अधिक विद्यार्थियों के समूह हेतु टू-डी शो का शुल्क 30 रुपये और थ्री-डी शो का शुल्क 60 रुपये प्रति विद्यार्थी होगा। इसी प्रकार 100 या उससे अधिक सामान्य दर्शकों के समूह हेतु टू-डी शो का शुल्क 60 रुपये और थ्री-डी शो का शुल्क 120 रुपये प्रति व्यक्ति रखा गया है।
प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से शाम 4ः30 बजे तक शो आयोजित
नक्षत्रशाला में प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से शाम 4ः30 बजे तक शो आयोजित किए जाएंगे। ग्रीष्मकाल में शाम 6 बजे एक अतिरिक्त शो भी होगा। सोमवार को नक्षत्रशाला का साप्ताहिक अवकाश रहेगा। शनिवार और रविवार को दोपहर 12 बजे और 1 बजे के शो थ्री-डी में होंगे, जिनमें 1 बजे का शो अंग्रेज़ी भाषा में तथा अन्य शो हिन्दी भाषा में संचालित होंगे।
इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत सिंह पाल, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग पंधारी यादव, विशेष सचिव शीलधर यादव एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद,उत्तर प्रदेश के महानिदेशक सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विज्ञान प्रेमी, विद्यार्थी, शिक्षक,अधिकारी एवं मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे,सभी ने नक्षत्रशाला के आधुनिक स्वरूप की सराहना की।