आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग
लखनऊ। प्रदेश की बेटियों को व्यावसायिक शिक्षा से भी जोड़ने की पहल की गई है। यही नहीं, बेटियों को केंद्र में रखकर मिशन शक्ति भी चलाया जा रहा है। बेटियों को सेल्फ डिफेंस के लिए भी प्रेरित करने का काम योगी सरकार कर रही है। बेटियों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रदेश में अलग से कस्तूबरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों का भी संचालन किया जा रहा है। कुल मिलाकर प्रदेश में आधी आबादी के उन्मूलन और उन्हें शिक्षित करने को लेकर योगी सरकार सजग भी और संकल्पित भी।
मुफ्त शिक्षा से लेकर शारीरिक दक्षता तक
प्रदेश में बेटियों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ने के लिए स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट जैसे उपकरणों से सुशोभित किया जा रहा है। उन्हें खेलकूद से जोड़ने के लिए महिला मंगल दल की स्थापना की गई है और उसके लिए बेटियों को किट भी सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है। बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बेटियों को सरकार की ओर से पांच-पांच हजार रुपए की राशि प्रदान की जा रही है, जबकि टॉपर्स को 20 हजार रुपए की राशि दी जा रही है। बेटियों को मुफ्त शिक्षा देने के साथ ही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत बालिका के जन्म से स्नातक स्तर की शिक्षा तक 15 हजार रुपए का पैकेज भी दे रही है। यही नहीं, बालिका के विवाह योग्य होने पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 51 हजार रुपए भी प्रदान किए जाते हैं।
आरोहिणी इनीशिएटिव’ से सक्षम हो रहीं बेटियां
बेटियों को सक्षम व आत्मनिर्भर बनाने के लिए समग्र शिक्षा अभियान, एक एनजीओ के साथ मिलकर प्रदेश के सभी 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में आरोहिणी इनीशिएटिव ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू कर रहा है। इसके माध्यम से वंचित वर्ग की बेटियों को उनके जीवन में होने वाली घटनाओं की समझ पैदा करने के साथ ही अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए सक्षम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बेटियों को सक्षम बनाने के लिए टीचर्स को ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जा रही है।
सेल्फ डिफेंस में भी निपुण
यूपी के उच्च प्राथमिक विद्यालयों और कम्पोजिट विद्यालयों में बालिकाओं को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना के तहत ट्रेनिंग दी जा रही है। आत्मरक्षा का मुख्य उद्देश्य यह है कि बालिकाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से शारीरिक व मानसिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके ताकि वह किसी भी विषम परिस्थितियों से बिना विचलित हुए उसका सामना कर सकें। स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशक एवं केजीबीवी के खेल शिक्षक व शिक्षिकाएं विद्यालय में शारीरिक शिक्षा, खेलकूद, कला संगीत के लिए निर्धारित कालांश के दौरान विद्यालय में अध्ययनरत समस्त बालिकाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर रही हैं।
व्यावसायिक प्रशिक्षण से जोड़ा
बेटियों को शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास से भी जोड़ा जा रहा है। इसके अंतर्गत बेटियों को स्कूल में ही व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। फिलहाल इसकी शुरुआत प्रदेश के उच्चीकृत कस्तूरबा बालिका विद्यालयों से की गई है। इस योजना के अंतर्गत कुल 54 कस्तूरबा बालिका विद्यालयों को नोटिफाई किया गया है, जहां व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कौशल विकास मिशन भी लड़कियों को व्यावसायिक शिक्षा देने के लिए कई तरह के प्रोग्राम पूरे प्रदेश में चला रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ महिला संवासिनी गृह में भी महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाने की शुरुआत की गई है।