जयपुर। लगातार तीन दिनों से हुई भारी बारिश के कारण जयपुर जिले में जलभराव और जनजीवन प्रभावित होने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की संवेदनशीलता और निर्देशों के अनुपालन में जिला प्रशासन ने त्वरित राहत व बचाव कार्य शुरू किए।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के नेतृत्व में नगर निगम हैरिटेज, नगर निगम ग्रेटर, जयपुर विकास प्राधिकरण, नागरिक सुरक्षा और एसडीआरएफ समेत सभी इकाइयों ने समन्वित प्रयास कर प्रभावित क्षेत्रों में समय पर सहायता पहुंचाई।
पिछले तीन दिनों में नगर निगम हैरिटेज को 330 शिकायतें और ग्रेटर को 339 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनका तत्काल समाधान किया गया। हैरिटेज ने 19,800 मिट्टी के कट्टे डाले, 15 पंप लगाए और 3,100 फीट सड़क मरम्मत करवाई। वहीं ग्रेटर निगम ने सीकर रोड, मालपुरा गेट और मोती डूंगरी जैसे जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी करवाई और क्षतिग्रस्त सीवर लाइन की मरम्मत करवाई।
राहत कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
जेडीए को कुल 196 शिकायतें मिलीं। प्राधिकरण ने 118 स्थानों से पानी की निकासी करवाई और 45 स्थायी जलभराव बिंदुओं पर पंप संचालित किए। इसके अलावा 10,925 मिट्टी के कट्टे भेजे गए तथा 12 स्थानों पर उप-बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए। नागरिक सुरक्षा और एसडीआरएफ की टीमें भी लगातार सक्रिय रहीं। बीते दिनों में नागरिक सुरक्षा ने 9 रेस्क्यू ऑपरेशन कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। वहीं एसडीआरएफ ने दूदू क्षेत्र में छापरवाड़ा बांध ओवरफ्लो से फंसे 4 लोगों को रेस्क्यू किया।
31 अगस्त को अर्जुन नगर अंडरपास में करंट लगने से युवक की मौत और दूदू क्षेत्र में युवक के डूबने जैसी घटनाओं पर भी प्रशासन ने तत्काल रेस्क्यू अभियान चलाया। वर्तमान में जयपुर जिले में कुल 16 बाढ़ नियंत्रण केंद्र सक्रिय हैं, जहां टीमें तैनात हैं।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र सोनी ने स्पष्ट किया है कि राहत कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को राशन किट और फूड पैकेट वितरित किए जा रहे हैं, जबकि अति प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त अधिकारियों की विशेष तैनाती की गई है।
जलभराव वाले इलाकों में चेतावनी बोर्ड और लाउडस्पीकर से अलर्ट जारी किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व अधिकारी फसल नुकसान का सर्वे कर रहे हैं ताकि किसानों को जल्द मुआवजा मिल सके। जिला स्तरीय कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय है और 0141-2204475 व 0141-2204476 पर मदद उपलब्ध है।
जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।