जयपुर। पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने परंपरागत जल स्रोतों के जीर्णोद्धार और जल संचयन को प्राथमिकता देने का आह्वान किया है। आज शिक्षा संकुल में जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए की बावड़ी, तालाब, कुंड, खड़ीन और जोहड़ जैसे जल स्रोतों का पुनः सर्वे कर चिन्हांकन किया जाए और इनका जीर्णोद्धार इसी वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाए। उन्होंने विभागीय कमेटियों को सक्रिय करने और ग्रामीण विकास से संबंधित कार्यों में तेजी लाने पर भी बल दिया।
डिग्गी-मालपुरा में तालाब के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश
पंचायती राज मंत्री ने परंपरागत जल स्रोतों में पानी की आवक के रास्तों को पुनः बनाने, नियमित सफाई करने और बड़े गड्ढों को तालाबों के रूप में बदलने का सुझाव दिया। इस दौरन डिग्गी-मालपुरा में तालाब के लिए शीघ्र डीपीआर तैयार करने के निर्देश देते हुए मंत्री ने कहा कि नदियों के किनारे भूमि कटाव रोकने पर भी ध्यान दिया जाए। विभाग द्वारा बनाए गए 75 अमृत सरोवर और 863 एनीकट की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों से इन परियोजनाओं की प्रगति पर विस्तृत जानकारी ली।
220 एनीकट और 50 बावड़ियों का होगा जीर्णोद्धार
मंत्री ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में 220 एनीकट और 50 बावड़ियों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। उन्होंने 1885 पंचायत भवनों और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 28 फरवरी तक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए कृषि उत्पादन और बागवानी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकता है। इस बैठक में विभाग के आयुक्त श्रीराम मीना और अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।