Wednesday, August 13, 2025
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    लखनऊ मेट्रो के दूसरे फेज को केंद्रीय कैबिनेट से मिली हरी झंडी,निर्माण कार्य व टेंडर की प्रक्रिया जल्द

     लखनऊ, संवाददाता। लखनऊ में मेट्रो रेल सेवा के विस्तार की दिशा में मंगलवार को एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। मेट्रो के विस्तार में फेज़ 1बी के अंतर्गत चारबाग से वसंतकुंज को जोड़ने वाले ईस्ट वेस्ट कोरिडोर को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई। दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई थी। केंद्र सरकार की ओर से मिली इस मंजूरी के बाद अब मेट्रो निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरु होगी जिसके लिए सबसे पहले टेंडर की प्रक्रिया आरंभ होगी।

    इससे पूर्व मार्च 2024 में ईस्ट वेस्ट कोरिडोर की डीपीआर को राज्य सरकार का अनुमोदन किया था। जुलाई 2024 में परियोजना को नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) से और मई 2025 में परियोजना की डीपीआर को पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड अर्थात पीआईबी की मंजूरी मिली थी।

    11.2 किमी लंबे कोरिडोर को पांच वर्षों में पूरा करने का होगा लक्ष्य

    चारबाग से वसंत कुंज तक प्रस्तावित ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की कुल मार्ग लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी, जिसमें एलिवेटेड सेक्शन 4.286 किलोमीटर तथा भूमिगत सेकशन 6.879 किलोमीटर का होगा। इस कॉरिडोर में कुल स्टेशनों की संख्या 12 है जिसमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड स्टेशन हैं। इस परियोजना की अनुमानित लागत 5801 करोड़ रुपए हैं।

    ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर में 12 मेट्रो स्टेशन हैं। यह कोरिडोर लखनऊ मेट्रो के मौजूदा नार्थ-साउथ कोरिडोर के चारबाग मेट्रो स्टेशन से जुड़ेगा। चारबाग मेट्रो स्टेशन इंटरचेंज स्टेशन के तौर पर काम करेगा जहां से यात्री एक दूसरे कोरिडोर में जाने के लिए मेट्रो बदल सकेंगे। द्वितीय कोरिडोर के स्टेशन में चारबाग (भूमिगत), गौतम बुद्ध नगर (भूमिगत), अमीनाबाद (भूमिगत), पांडेयगंज (भूमिगत), सिटी रेलवे स्टेशन (भूमिगत), मेडिकल चौराहा (भूमिगत), चौक (भूमिगत), ठाकुरगंज, एलिवेटेड), बालागंज (एलिवेटेड), सरफराजगंज (एलिवेटेड), मूसाबाग (एलिवेटेड), वसंत कुंज (एलिवेटेड) शामिल हैं।

    ‘चारबाग से वसंत कुंज’ तक लखनऊ मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पुराने लखनऊ के बेहद घने बसे प्रमुख स्थानों जैसे अमीनाबाद, चौक, ठाकुरगंज आदि को कनेक्टिविटी प्रदान। कोरिडोर से सिटी रेलवे स्टेशन एवं चौक स्थित केजीएमयू मेडिकल कॉलेज जुड़ेगा जहां लाखों की संख्या में लोग आते हैं। साथ ही यह कोरिडोर विस्तृत हो रहे लखनऊ शहर को वसंतकुंज तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा जहां बड़ी संख्या में लोग निवास करते हैं। लखनऊ के लिए बहुप्रतीक्षित इस कोरिडोर के बनने से मौजूदा 23 किमी लंबे उत्तर दक्षिण मेट्रो कोरिडोर के स्थानों को पूरी कनेक्टिविटी मिल जाएगी और लखनऊ शहर में मेट्रो का विस्तार 35 किमी का हो जाएगा।

    इस मौके पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में मेट्रो रेल सेवा के विस्तार से यात्रियों को ईज ऑफ ट्रैवलिंग के अंतर्गत सुगम, सुरक्षित, सुविधाजनक और विश्वस्तरीय शहरी परिवहन सेवा घने बसे इलाकों में भी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि मेट्रो के विस्तार से विस्तृत होते लखनऊ को पुराने शहर की संस्कृति, खान-पान, पर्यटन, रोजगार जैसे क्षेत्रों में सुगमता का फायदा मिलेगा। उन्होने कहा कि लखनऊ मेट्रो को जिस तरह निर्धारित समय से पहले बनाकर तैयार किया गया था पूरी कोशिश होगी कि ईस्ट वेस्ट कोरिडोर को भी समय से पूर्व लखनऊ की जनता को सौंपा जाए।

    पुराने लखनऊ में आवागमन होगा सुगम : डा. नीरज बोरा
    राजधानी की उत्तरी सीट से विधायक डा. नीरज बोरा ने लखनऊ मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट फेस-1-बी के विस्तारीकरण को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर क्षेत्रीय सांसद और भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रति आभार जताया है।

    मंगलवार को विधायक डा. बोरा ने रक्षामंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उनके कुशल नेतृत्व, मार्गदर्शन और दूरदर्शी सोच का परिणाम है जिससे विकसित लखनऊ की संकल्पना को बल मिल रहा है। उन्होंने कहा कि चारबाग से बसंत कुंज दूरी 11.165 किमी तथा 5,801 करोड़ की लागत से बनने जा रहे नये मेट्रो कारिडोर से पुराना लखनऊ में आवागमन सुगम होगा। इससे लखनऊ उत्तर के चौक, ठाकुरगंज आदि भी लाभान्वित हो रहे हैं जिससे क्षेत्रीय जनता में हर्ष है।

    चारबाग से वसंतकुंज के बीच ईस्ट वेस्ट परियोजना को पूरा होने में पांच वर्षों का समय लगने का अनुमान है। यूपीएमआरसी ने इस कोरिडोर से जुड़े काफी ग्राउंडवर्क और रिसर्च डेटा को पहले ही तैयार कर लिया है। अभी लखनऊ में सीसीएस एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया के बीच 21 स्टेशनों में मेट्रो की सेवा संचालित है।

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