- उत्तर प्रदेश बना नवीकरणीय ऊर्जा में देश का अग्रणी राज्य, जुलाई-अगस्त 2025 में सर्वाधिक सौर इंस्टॉलेशन वाला राज्य
लखनऊ । यूपी नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में देशभर में तेजी से अग्रणी बनकर उभरा है, जो सतत विकास को गति देने के साथ-साथ नागरिकों को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्य की एक बड़ी उपलब्धि प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के तहत मिली है, जिसमें जुलाई और अगस्त 2025 के दौरान उत्तर प्रदेश देश में प्रतिदिन सर्वाधिक सौर इंस्टॉलेशन वाला राज्य बना, यह जानकारी ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने शनिवार को दी।
शर्मा उत्तर प्रदेश- नवीकरणीय ऊर्जा से भविष्य को सशक्त बनाना” नामक कॉफी टेबल बुक के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह कॉफी टेबल बुक उत्तर प्रदेश नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीएनईडीए) के प्रयास से तैयार की गई है, जिसमें राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्धियों, पहलों और सफलता की कहानियों को प्रदर्शित किया गया है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया, केवल जुलाई माह में उत्तर प्रदेश में 27,771 सौर इंस्टॉलेशन दर्ज किए गए, यानी औसतन प्रतिदिन 891 इंस्टॉलेशन, जो गुजरात (25,738) और महाराष्ट्र (24,200) से अधिक हैं। अगस्त में यह आंकड़ा और बढ़कर 28,029 इंस्टॉलेशन तक पहुंच गया, जबकि गुजरात में 20,504 और महाराष्ट्र में 23,008 इंस्टॉलेशन हुए। 31 अगस्त 2025 तक, उत्तर प्रदेश में कुल 2,08,407 सौर इंस्टॉलेशन हो चुके हैं।
शर्मा ने यह भी बताया कि 2017 से पहले राज्य की कुल स्थापित सौर क्षमता मात्र 389 मेगावाट थी, जो 2025 में बढ़कर 5,157 मेगावाट तक पहुंच गई है। यह नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक छलांग को दर्शाता है।
घरेलू रूफटॉप सौर प्रणाली में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है। 2017 से पहले जहां केवल 343 घरों में 9 मेगावाट की सौर क्षमता थी, वहीं 2017 से 2025 के बीच 1.9 लाख घरों में लगभग 700 मेगावाट की स्थापना हो चुकी है।
उन्होंने ने कहा कि सरकारी भवनों की सोलराइजेशन में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। 2017 से पहले राज्य में केवल 439 सरकारी भवनों पर 5 मेगावाट की सौर क्षमता थी। आज यह संख्या बढ़कर 7,087 भवनों पर 167 मेगावाट तक पहुंच गई है। इसके अतिरिक्त, 640 भवन अब 15 वर्षीय आरसीएससीओ मॉडल के तहत संचालित हो रहे हैं, जिनकी कुल क्षमता 140 मेगावाट है।
सौर ऊर्जा के अलावा उत्तर प्रदेश कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के क्षेत्र में भी अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। 2017 से पहले राज्य में एक भी सीबीजी परियोजना नहीं थी। वर्ष 2017 से 2022 के बीच छह बायोएनेर्जी परियोजनाएं स्थापित की गईं। इसके बाद, राज्य में इस क्षेत्र में तेज़ी से विकास हुआ है और अब तक 62 बायोएनेर्जी परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं, जिनमें 47 सीबीजी, बायोकोल और बायोडीजल संयंत्र शामिल हैं।
2022 से अब तक 29 नई बायोएनेर्जी परियोजनाएं चालू की गई हैं, जिनमें 25 बायोगैस संयंत्र (230 स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर प्रतिदिन क्षमता), तीन बायोकोल संयंत्र (110 सीएसमी) और पांच बायोडीजल संयंत्र (278 किलोलीटर क्षमता) शामिल हैं। इन परियोजनाओं में कुल ₹2,600 करोड़ से अधिक का निवेश किया गया है।
इस अवसर पर ऊर्जा एवं अतिरिक्त स्रोत विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं यूपीएनईडीए के अध्यक्ष नरेंद्र भूषण तथा यूपीपीएनईडीए के निदेशक इंदरजीत सिंह भी उपस्थित रहे।